यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार चार साल पूरे कर रही है और इन चार सालों के भीतर प्रदेश में काफी कुछ बदलाव देखने को मिला है. यूपी के माफियाराज, गुंडाराज और जंगलराज के चर्चे देश ही नहीं, विदेशों में भी होते थे और अब आलम ये है कि प्रदेश का सबसे खतरनाक माफिया मुख्तार अंसारी यूपी आने से भाग रहा है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सूबे की सत्ता संभालने के बाद भ्रष्टाचार और अपराध को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलने का ऐलान किया था. उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि अपराधी या तो जेल में होंगे या प्रदेश के बाहर, जिसका परिणाम यह हुआ कि यूपी पुलिस ने माफियाओं और कुख्यात अपराधियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया.
पुलिस ने सिर्फ मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद ही नहीं, बल्कि प्रदेश के ऐसे 25 बड़े माफिया को चिह्नित किया, जिनके नाम से लोगों में दहशत थी. पुलिस ने उनके गैंग के अन्य अपराधियों और सहयोगियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू की. योगी सरकार के चार साल में अपराधियों की काली कमाई पर बुल्डोजर चला.
विकास दुबे जैसे कुख्यात अपराधी का खात्मा हुआ. पुलिस ने उनके गैंग के अन्य अपराधियों और सहयोगियों के खिलाफ भी कार्यवाही शुरू की. योगी सरकार के चार साल में अपराधियों की काली कमाई पर बुल्डोजर भी चला.
योगी सरकार के चार वर्ष में गैंगेस्टर अधिनियम के तहत 25 से ज्यादा माफियाओं की आपराधिक कृत्य से अर्जित की गई 9 अरब 33 करोड़ 41 लाख रुपए से अधिक की चल-अचल अवैध सम्पत्तियों पर शिकंजा कसते हुए सरकारी भूमि मुक्त कराने, अवैध कब्जे के ध्वस्तीकरण और जब्तीकरण की कार्यवाही की गई. अवैध संपत्तियों को ढहाने और कब्जा मुक्त कराने में जो खर्च आ रहा है, वह भी अपराधियों और माफिया से वसूला जा रहा है.
इनमें चिह्नित माफिया और उनके सहयोगियों की आपराधिक कार्य से जुटाई गई सम्पत्तियों में से गैंगेस्टर अधिनियम के तहत करीब 446 करोड़ रुपए से अधिक है. इतना ही नहीं, माफिया, उनके परिजनों और सहयोगियों के लगभग 150 शस्त्र लाईसेंसों के निरस्तीकरण की कार्यवाही की गई है.
गैंगेस्टर एक्ट में ही अब तक कुल 11,930 मुकदमे दर्ज कर 3699 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. इसके अलावा 523 अभियुक्तों के खिलाफ रासुका लगाई गई है.
चार साल के कार्यकाल में 135 अपराधी पुलिस एनकांउटर में मारे जा चुके हैं और लगभग 2800 अपराधी घायल हुए. इस सरकार में 25 हजार के ईनामी 9157 अपराधी, 25 से 50 हजार के ईनामी 773 अपराधी और 50 हजार से अधिक के 91 ईनामी अपराधी यानि कुल 10,021 जेल भेजे गए हैं. माफियाओं के खिलाफ शुरू हुई कार्यवाही में अवैध बूचड़खानों और स्लाटर हाउस के ध्वस्तीकरण, पार्किंग ठेके की आड़ में अवैध वसूली पर लगाम, अवैध मछली कारोबार, सरकारी जमीनों को अवैध कब्जे से अवमुक्त कराने के सघन प्रयास, अपराधी शूटरों के खिलाफ सख्त कार्यवाही, ठेकेदार माफिया के खिलाफ कार्यवाही, कोयला कारोबार से अवैध रूप से अर्जित की गई सम्पत्ति के जब्तीकरण आदि की कार्यवाहियां प्रमुख हैं.
यूपी में चार साल में सख्त कार्रवाई का असर ये रहा कि अपराधों की घटना में गिरावट दर्ज की गई. पुलिस विभाग के आंकड़ों के अनुसार, साल 2017 के सापेक्ष साल 2020 में डकैती के मामलों में 65.72 फीसदी, लूट के मामलों में 66.15 फीसदी, हत्या के मामलों में 19.80 फीसदी, बलवा के मामलों में 40.20 फीसदी और बलात्कार के मामलों में 45.43 फीसदी की कमी दर्ज की गई.