यूपी में अटकलें लगाई जा रही हैं कि जल्द ही योगी सरकार मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकती है. बता दें कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों और कोरोना महामारी की वजह से यूपी में मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हो पाया है. कई मंत्री विभाग भी खाली पड़े हुए हैं. बता दें कि कोविड-19 से मंत्री चेतन चौहान, कमल रानी वरुण और विजय कुमार कश्यप की मृत्यु हो गई थी. भाजपा ‘मिशन 2022’ को ध्यान में रखते हुए ही यह ‘फाइनल कैबिनेट’ विस्तार करेगी.
‘मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर ही पिछले दिनों एके शर्मा ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, दूसरे दिन वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने लखनऊ पहुंचे’. बता दें कि अरविंद कुमार शर्मा को पीएम मोदी का काफी करीबी माना जाता है. वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एके शर्मा गुजरात से ही मोदी के मुख्यमंत्री के समय से उनके साथ रहे हैं. पीएम मोदी ने उन्हें यूपी से भाजपा का विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) बनाया है.
अब उन्हें योगी कैबिनेट में ‘बड़ा मंत्री पद’ मिलना तय हो गया है. अभी हाल ही में पीएम मोदी ने कोविड संक्रमण के नियंत्रण को लेकर ‘काशी मॉडल’ की जमकर तारीफ की थी. प्रधानमंत्री ने कहा था कि काशी मॉडल न सिर्फ यूपी बल्कि पूरे देश में रोल मॉडल के रूप में देखा जा रहा है. काशी मॉडल को साकार करने के पीछे पीएम मोदी के खास एके शर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. वाराणसी प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र है.
यहां हम आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के लिए शुरू से ही उत्तर प्रदेश की राजनीति महत्वपूर्ण रही है. ‘यूपी ने जब-जब भाजपा का साथ दिया, तब उन्हें केंद्र की सत्ता पर काबिज होने में आसानी हुई’. भाजपा और आरएसएस के लिए यूपी की चिंता इसलिए भी अहम है क्योंकि विधानसभा चुनाव के लिहाज से तो यह सबसे बड़ा राज्य है ही, लोकसभा के लिए भी महत्वपूर्ण है.
‘लोकसभा के सबसे ज्यादा 80 सांसद उत्तर प्रदेश से आते हैं, ऐसे में यदि 2022 में बीजेपी सत्ता में वापसी करती है तो मिशन 2024 भी उसके लिए बहुत कठिन नहीं होगा’. इसी को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने यूपी विधानसभा चुनाव की रणनीति तैयार करना अभी से शुरू कर दिया है.