साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को लगेगा. यह पूर्ण सूर्य ग्रहण है जिसमें चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी को ढक लेगा. ऐसे में केवल सूर्य की बाहरी परत ही दिखाई देगी. ग्रहण में सूर्य के लगभग 94 फीसदी भाग को चंद्रमा ग्रस लेगा यानी कि ग्रहण लगा देगा.
पूर्ण सूर्य ग्रहण होने की वजह से दिन में अंधेरा छा जाएगा. इस बार सूर्य ग्रहण कोरोना काल में पड़ रहा है. भारत में ये ग्रहण आंशिक रूप से ही होगा.
इसलिए ग्रहण काल मान्य नहीं होगा. अमेरिका के उत्तरी भाग, यूरोप और एशिया में भी आंशिक ग्रहण ही होगा. पूर्ण सूर्य ग्रहण उत्तरी कनाडा, ग्रीनलैंड और रूस में होगा.
सूर्य ग्रहण का समय
साल का पहला सूर्य ग्रहण दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से शुरू होकर शाम के 6 बजकर 41 मिनट तक रहेगा. भारत में ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं है.
सूर्य ग्रहण तीन तरह के होते हैं.
1.पहला है- पूर्ण सूर्य ग्रहण. पूर्ण सूर्यग्रहण को धरती के एक छोटे से हिस्से से ही देखा जा सकता है. इसमें पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य बिल्कुल एक सीध में होते हैं. नासा के मुताबिक जब चंद्रमा की छाया पृथ्वी को ढंकती है, उस वक्त पूर्ण सूर्य ग्रहण वही लोग देख सकते हैं, जो चंद्रमा की छाया के केंद्र में हों.
2. दूसरे तरह का सूर्यग्रहण होता है- आंशिक सूर्य ग्रहण . इस तरह के सूर्य ग्रहण में चंद्रमा की छाया सूरज के बहुत छोटे हिस्से पर पड़ती है.
3. तीसरे तरह का सूर्यग्रहण होता है- सालाना सूर्यग्रहण . इसमें चंद्रमा धरती से सबसे अधिक दूरी पर रहता है. इसलिए ये छोटा दिखता है. इस स्थिति में चंद्रमा, सूरज को पूरी तरह से नहीं ढंक पाता. ऐसा लगता है कि किसी बड़े से गोले ने सूरज को ढंक रखा है. इस स्थिति में एक चमकीला रिंग बनता है, जिसे रिंग ऑफ फायर कहते हैं.