भैयादूज के अवसर पर सोमवार (16 नवम्बर )अपराह्न 12 बजकर 15 मिनट पर यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं.
इस अवसर पर यमुनोत्री मंदिर समिति तथा उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के अधिकारी-कर्मचारी, तीर्थपुरोहित तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूद रहे. इस दौरान बारिश एवं बर्फबारी हुई.
परंपरानुसार 15 नवंबर को शनिदेव जी अपनी बहन यमुना जी को मिलने यमुनोत्री धाम आ गये थे, शनिदेव भैयादूज पर के अवसर पर बहन को मायके आने का न्यौता देते हैं.
कपाट बंद होने के पश्चात मां यमुना की उत्सव डोली खरसाली के लिए प्रस्थान हुई.
खरसाली को मां यमुना जी का मायका कहा जाता है. शीतकाल में छह माह मां यमुना का खरसाली में प्रवास करती है, यहीं मां यमुना जी की शीतकालीन पूजा-अर्चना की जाती है.
यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने के साथ ही आज प्रात: केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गए, जबकि गंगोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर को अन्नकूट के अवसर पर बंद हुए.
बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को सायंकाल 03 बजकर 35 मिनट पर शीतकाल हेतु बंद होंगे.