इसे कहते हैं सम्मान देकर सम्मान छीन लेना. या कहें कि कुछ देर के लिए आसमान पर बैठा दो उसके बाद तत्काल प्रभाव से उसे गिरा भी दो.
‘ पीएम मोदी के लिए बुधवार का दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुखद के साथ पीड़ादायक भी रहा’.
आज हम बात करेंगे दुनिया की सबसे पॉपुलर मैगजीन टाइम की. ‘आज यह मैगजीन भारतीय मीडिया में एक बार फिर सुर्खियों में है’.
इस मैगजीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनिया के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में शामिल किया है.
भारतीय जनता पार्टी और पीएम मोदी के लिए यहां तक तो टाइम मैगजीन के द्वारा दिया गया सम्मान उत्साहवर्धक था, लेकिन जब हमने कुछ और आगे बढ़ने की कोशिश की तो इस मैगजीन ने ‘मोदी के लिए एक कड़वा सच भी लिख कर छोड़ दिया’.
टाइम मैगजीन के प्रधानमंत्री को दुनिया के सौ प्रभावशाली व्यक्तियों में शामिल किए जाने की जानकारी जब भाजपा कार्यकर्ता और मोदी के समर्थकों को हुई तो वह खुशियों से सराबोर हो गए.
लेकिन कुछ समय बाद जब उन्हें मालूम पड़ा कि इस प्रतिष्ठित पत्रिका ने मोदी के लिए तीखी टिप्पणियां भी की हैं तो उनकी खुशियों में ग्रहण लग गया.
टाइम पत्रिका ने पीएम मोदी के बारे में लिखा कि लोकतंत्र में वही सबसे बड़ा है जिसे सबसे अधिक वोट मिले हैं।
लोकतंत्र के कई पहलू हैं जिसमें जीते हुए नेता को वोट नहीं दिया, उनके हक की भी बात होती है.
भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जहां हर धर्म के लोग रहते हैं. टाइम न यह भी लिखा, रोजगार के वादे के साथ भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई, लेकिन उसके बाद कई विवाद सामने आए.
‘दुनिया की मशहूर पत्रिका के द्वारा मोदी पर किए गए तीखे कमेंट के बाद विपक्ष जरूर गदगद है’.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार