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इंद्राणी मुखर्जी के वकील का नया खुलासा, जेल की महिला कैदी ने शीना से की थी मुलाकात

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इंद्राणी की वकील सना रईज खान

हाल ही में इंद्राणी मुखर्जी ने सीबीआई को पत्र लिखकर दावा किया था कि भायखला जेल में बंद एक महिला कैदी ने दावा किया कि वह कश्मीर में शीना बोरा से मिली थी. इसी को लेकर अब वह दावा करती है कि 24 जून, 2021 को डल झील के पास उसकी शीना बोरा से मुलाकात हुई थी.

मीडिया से बात करते हुए इंद्राणी की वकील सना रईज खान ने कहा कि कैदी ने दावा किया है कि वह इस साल 24 जून को उससे मिली थी. वह इस बैठक में सीबीआई के सामने विस्तृत बयान देने को तैयार है.

उन्होंने यह भी कहा कि इंद्राणी अगली सुनवाई में खुद अदालत में पेश होंगी और इस खुलासे के संबंध में कुछ दलीलें देंगी. सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका भी दाखिल की गई है.

यहां तक कि फोरेंसिक साक्ष्य और डीएनए नमूने स्थापित होने के बाद भी, शीना बोरा के अवशेष मुंबई पुलिस और सीबीआई दोनों की प्रारंभिक रिपोर्ट में हैं. खान का दावा है कि फोरेंसिक रिपोर्ट में विसंगतियां थीं और रिकॉर्ड पर मौजूद सबूत यह साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं कि बरामद किया गया शव वास्तव में शीना का था.

उसने कहा कि मैं चाहती हूं कि मेरे मुवक्किल को उचित मौका मिले. वह पिछले छह साल से जेल में बंद है. अगर अदालत सीबीआई को कैदी के बयान दर्ज करने का निर्देश देती है, तो इससे मामले की दिशा बदल सकती है. सीबीआई ने हालांकि इंद्राणी के दावों को गंभीरता से नहीं लिया है.

वे कहते हैं कि पिछले छह वर्षों में 60 से अधिक गवाहों से जिरह की गई है और यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि शीना की हत्या इंद्राणी ने श्यामवर राय और संजीव खन्ना की मदद से की थी.

मुकदमा अंतिम चरण में है और इंद्राणी की जमानत सत्र अदालत और बॉम्बे हाई कोर्ट दोनों द्वारा कई बार खारिज कर दी गई है. अप्रैल 2012 में 24 वर्षीय शीना बोरा का कथित तौर पर उसकी मां इंद्राणी मुखर्जी, उसके तत्कालीन ड्राइवर श्यामवर राय और इंद्राणी के दूसरे पति संजीव खन्ना द्वारा एक कार में गला घोंट दिया गया था.

उसका शव बाद में रायगढ़ जिले के एक जंगल में मिला, जहां उसे कथित तौर पर जला दिया गया था. यह मामला 2015 में तब सुर्खियों में आया जब राय ने हत्या के बारे में खुलासा किया जिसके कारण इंद्राणी, राय, खन्ना और बाद में उसके तत्कालीन पति पीटर मुखर्जी की गिरफ्तारी हुई. राय इस मामले में सरकारी गवाह बने, जबकि पीटर को पिछले साल जमानत मिली थी.

साभार-टाइम्स नाउ

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