पीएम मोदी ने कांग्रेस सांसद और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद की जब से प्रशंसा की तभी से अटकलों का दौर शुरू हो गया है. आजाद के साथ ही सदन से रिटायर होने वाले दो पीडीपी नेताओं के भी राजनीतिक भविष्य की चर्चा जोर पकड़ रही है.
कुछ लोग आजाद को उपराष्ट्रपति पद के लिए संभावित एनडीए उम्मीदवार के रूप में देख रहे हैं. वहीं कुछ लोग कांग्रेस के ‘जी -23’ का हवाला देते हुए, आजाद को जम्मू-कश्मीर में बीजेपी का संभावित चेहरा मान रहे हैं, जहां सरकार भविष्य में चुनाव कराने की योजना बना रही है.
एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि जम्मू क्षेत्र में भाजपा की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है. लेकिन उसके पास घाटी में नेतृत्व की कमी है. अगर राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस के पीएम मोदी के जवाब को पढ़ा जाए तो कुछ बिंदुओं को जोड़ा जा सकता है.
अपने भाषण से एक दिन पहले, मोदी ने आजाद के तौर-तरीकों और जम्मू-कश्मीर में हुए हालिया डीडीसी चुनावों पर उनकी टिप्पणियों पर ध्यान आकर्षित किया. मोदी ने कहा, ‘गुलाम नबी जी हमेशा शालीनता से बोलते हैं और कभी भी गलत भाषा का इस्तेमाल नहीं करते हैं.
हमें उनसे यह सीखना चाहिए मैं इसके लिए उनका सम्मान करता हूं. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में हुए चुनावों की प्रशंसा की… मेरा मानना है कि आपकी पार्टी इसे सही अर्थों में लेगी, और ‘जी -23′ के सुझावों को सुनकर इसके विपरीत करने की गलती न करें.’
बता दें ‘जी 23’ का उपयोग कांग्रेस के उन नेताओं के लिए किया जाता है जिन्होंने पिछले साल पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठन में बदलाव की मांग की थी. पीएम मोदी की टिप्पणियों को असंतुष्ट कांग्रेस नेताओं के समूह को खुले निमंत्रण के रूप में भी देखा जा रहा है. अन्य भाजपा नेता भी ‘सौम्य’ आजाद की बड़ाई कर रहे हैं.
आजाद फिलहाल 71 साल के हैं और भाजपा ने रिटायर होने की औपचारिक उम्र 75 साल तय कर रखी है. हालांकि अच्छे लोगों के लिए पार्टी कुछ रियायत भी बरतती रही है. आजाद के साथ रिटायर होने वाले पीडीपी सदस्यों ने भी सरकार की कई योजनाओं की प्रशंसा की. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मोदी सरकार और उसकी योजनाओं के लिए कहे गए इन ‘अच्छे शब्दों’ पर भी नजर रखनी चाहिए.
पीडीपी नेता नजीर अहमद लवाय ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर को एक बार फिर से राज्य बनाने के लिए जल्द ही संसद में एक विधेयक लाया जाएगा. लवाय ने कहा था, ‘प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने सदन में यह वादा किया था कि जम्मू-कश्मीर फिर से एक राज्य बन जाएगा. मुझे विश्वास है कि ऐसा विधेयक इन दिनों सदन में लाया जाएगा.’
पीडीपी सांसद ने कहा कि उन्होंने सदन में मुखर रूप से 370 हटाने के कदम का विरोध किया था. अब जब वह कश्मीर वापस जाएंगे तो लोगों को बताएंगे कि देश ने कश्मीर की कितनी देखभाल की और लोगों के साथ सहानुभूति रखी. उन्होंने कहा, ‘संसद हमारे देश की खुशबू है और मैं अपने साथ यह खुशबू जम्मू और कश्मीर ले जा रहा हूं.’
एक अन्य पीडीपी सांसद मीर मोहम्मद फैयाज ने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य बनाने और अपनी विशेष स्थिति बहाल करने की अपील की. फैयाज ने कहा कि वह यह देखकर खुश हैं कि लोग हाल ही में जम्मू-कश्मीर में हुए जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव में मतदान करने आए थे. उन्होंने कहा, ‘उज्जवला’ योजना जम्मू-कश्मीर की गरीब महिलाओं की मदद के लिए एक बड़ा कदम था.
मीडिया को दिए गए इंटरव्यू में गुलाम नबी आजाद ने इन अटकलों पर एक तरह से विराम लगाते हुए साफ कहा, ‘मैं एक कट्टर कांग्रेसी हूं और मैं चाहूंगा कि मेरी पार्टी फिर से आए लेकिन जब तक मैं मुख्यमंत्री था मैंने कभी भी किसी भी मंच से पार्टी के लिए कोई वोट नहीं मांगा, क्योंकि एक मुख्यमंत्री सभी दलों का होता है. नहीं, नहीं. कोई दूसरी पार्टी नहीं. मैं एक कांग्रेसी के रूप में पैदा हुआ हूं और मैं बतौर कांग्रेसी ही मरूंगा.’
साभार-न्यूज़ 18