विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. 18 साल से ऊपर के लोगों को कोवैक्सीन लगाने की मंजूरी दे दी गई है. कोवैक्सीन भारत की स्वदेशी रूप से विकसित टीका है.
ये देश में वर्तमान में बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के लिए उपयोग किए जा रहे तीन कोविड-19 वैक्सीन में से एक है. अन्य दो सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और रूस के स्पुतनिक वी है.
डब्लूएचओ द्वारा बुलाई गई और दुनिया भर के नियामक विशेषज्ञों से बने तकनीकी सलाहकार समूह ने यह निर्धारित किया है कि कोवैक्सीन वैक्सीन कोविड से सुरक्षा के लिए डब्लूएचओ के मानकों को पूरा करती है, वैक्सीन का लाभ जोखिम से कहीं अधिक है और वैक्सीन का उपयोग दुनिया भर में किया जा सकता है.
डब्ल्यूएचओ के स्ट्रेटेजिक एडवाइजरी ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट्स ऑन इम्यूनाइजेशन (एसएजीई) द्वारा कोवैक्सिन वैक्सीन की भी समीक्षा की गई और 18 और उससे अधिक उम्र के सभी आयु समूहों में चार सप्ताह के अंतराल के साथ दो खुराक में इस टीके के उपयोग की सिफारिश की गई.
सरकारी सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी ने हाल ही में जी-20 समिट के दौरान डब्लूएचओ के डॉ. टेड्रोस के साथ मुलाकात के दौरान कोवैक्सीन की मंजूरी के लिए जोर लगाया था. रोम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत अगले साल के अंत तक कोविड-19 टीके की पांच अरब खुराक का उत्पादन करने के लिए तैयार है. प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा भारत में विकसित कोवैक्सीन को आपात इस्तेमाल के लिए अधिकृत करने का फैसला लंबित है और सुझाव दिया कि इसे मंजूरी देने से भारत अन्य देशों की मदद कर सकता है.
डब्लूएचओ ने अब तक 31 दिसंबर 2020 को आपातकालीन उपयोग के लिए फाइजर/बायोएनटेक वैक्सीन को सूचीबद्ध किया है. 15 फरवरी 2021 को दो एस्ट्राजेनेका/ऑक्सफोर्ड कोविड-19 टीके, एस्ट्राजेनेका-एसकेबीओ (कोरिया गणराज्य) और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित; और कोविड-19 वैक्सीन Ad26.COV2.S को जैनसेन (जॉनसन एंड जॉनसन) द्वारा 12 मार्च 2021 को तैयार किया गया. इसने आपातकालीन उपयोग के लिए चीन के सिनोफार्म कोविड-19 वैक्सीन को भी अपनी मंजूरी दे दी है.
गौर हो कि भारत ने जनवरी 2021 में कोवैक्सिन और कोविशील्ड को मंजूरी दी थी. भारत बायोटेक के कोवैक्सिन को हाल ही में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीए) से 2 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिली है.