विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक तेद्रोस अधानोम गेब्रेयेसस ने एक बार फिर इस बात को दोहराया है कि 2022 में कोरोना को हम खत्म कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए दुनिया को मिलकर कुछ सामूहिक काम करना होगा.
नए साल के मौके पर संदेश देते हुए डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि हम विश्व इस महामारी के तीसरे साल में प्रवेश कर रहा है. ऐसे में आज भी यह हमारे लिए चुनौती बनी हुई है. उन्होंने कहा कि 2022 में हम कोरोना को आसानी से खत्म कर सकते हैं लेकिन इसके लिए हमें पहले असमानता को खत्म करना होगा.
डब्ल्यूएचओ प्रमुख तेद्रोस अधानोम गेब्रेयेसस ने जिस असमानता की बात की है उसका मतलब है कि कोरोना को लेकर विश्व में असमानता. यानी एक तरफ अमीर देश कोरोना के खिलाफ संसाधनों के दम पर कारगर तरीके से लड़ रहे हैं तो दूसरी ओर गरीब देशों में आज तक 10 प्रतिशत आबादी को भी भी वैक्सीन नहीं लगी है.
गेब्रेयेसस ने कहा कि हम सब जानते हैं कि कोई भी देश महामारी से बाहर नहीं है. हालांकि आज हमारे पास कोरोना को रोकने और उसका इलाज करने के लिए बेहतर तकनीक और संसाधन उपलब्ध हैं, इसके बावजूद हम इसे खत्म नहीं कर पा रहे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण है असमानता. विश्व में जितनी ज्यादा असमानता रहेगी, इस वायरस के जोखिम से हम उतने ही अधिक प्रभावित होंगे. इसे हम तब तक खत्म नहीं कर सकते जब तक कि हम असमानता को खत्म नहीं कर लेते.
तेद्रोस ने कोविड के जोखिमों का उल्लेख करते हुए कहा कि अगले साल विश्व न सिर्फ कोरोना से लड़ेगा बल्कि हेल्थ संबंधी कई और समस्याओं से भी इसे जूझना होगा. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण लाखों लोगों को रूटीन वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो रही है.
फैमिली प्लानिंग के लिए लोग अस्पताल नहीं जा रहे हैं. इसके अलावा कई बीमारियों के इलाज में भी रूकावट पैदा हुई है. उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि दुनिया को आगामी महामारी में मदद के लिए तैयार रहने की जरूरत है.