पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो ममता बनर्जी ने पेगासस जासूसी विवाद पर कहा है कि स्थिति बहुत गंभीर है, हालात आपातकाल से भी ज्यादा गंभीर हैं. मेरा फोन पहले ही टैप हो चुका है.
अगर अभिषेक (मुखर्जी) का फोन टैप हो जाता है, और मैं उससे बात कर रही हूं, तो मेरा फोन भी अपने आप टैप हो जाता है. पेगासस ने सबके जीवन को खतरे में डाल दिया है. पेगासस क्या है? यह एक हाई लोडेड वायरस है. हमारी खतरे में है. किसी को आजादी नहीं है.
ममता बनर्जी ने कहा, ‘हम ‘सच्चे दिन’ चाहते हैं, ‘अच्छे दिन’ बहुत देख चुके. नरेंद्र मोदी 2019 में लोकप्रिय थे. आज उन्होंने शवों का रिकॉर्ड नहीं रखा है, अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया गया और शवों को गंगा नदी में फेंक दिया गया. जिन लोगों ने अपनों को खोया वे भूलेंगे नहीं और माफ नहीं करेंगे.’ टीएमसी प्रमुख ने कहा कि पूरे देश में खेला होगा. यह एक सतत प्रक्रिया है…जब आम चुनाव (2024) आएंगे, तो यह मोदी बनाम देश होगा.
वहीं ममता बनर्जी ने विपक्ष का चेहरा बनाए जाने पर कहा, ‘मैं राजनीतिक ज्योतिषी नहीं हूं, स्थिति पर निर्भर करता है; अगर कोई और नेतृत्व करता है तो उससे कोई समस्या नहीं है. मैं एक साधारण कार्यकर्ता हूं, एक कार्यकर्ता ही बनी रहना चाहती हूं. आज मेरी सोनिया जी और अरविंद केजरीवाल से मुलाकात है. संसद सत्र के बाद विपक्षी दलों की बैठक होनी चाहिए.’ ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों से भाजपा से लड़ने के लिए एक साथ आने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा, ‘कुछ राज्यों में चुनाव हो रहे हैं. हम समय-समय पर राजनीतिक दलों से मिलेंगे. एक ऐसा मंच होना चाहिए जहां से हम एक साथ काम कर सकें. संसद सत्र के बाद हम एक साथ बैठकर फैसला करेंगे.’ बनर्जी ने कहा कि उनके आंध्र प्रदेश के जगन मोहन रेड्डी, ओडिशा के नवीन पटनायक, तमिलनाडु के एमके स्टालिन, महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे और झारखंड के हेमंत सोरेन जैसे गैर-भाजपा दलों के मुख्यमंत्रियों के साथ अच्छे संबंध हैं.