नई दिल्ली| पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले कई महीनों से चले आ रहे तनाव के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने रविवार को इशारों ही इशारों में चीन से लेकर पाकिस्तान तक को चेतावनी दे डाली.
डोभाल ने दुश्मन देशों को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि इतिहास गवाह है कि भारत ने कभी भी किसी भी देश पर हमला नहीं किया है, लेकिन ये तय है कि जहां से खतरा होगा, वहीं प्रहार किया जाएगा.
विजयादशमी के खास मौके पर उत्तराखंड के ऋषिकेश में परमार्थ निकेतन के कार्यक्रम में पहुंचे एनएसए अजित डोभाल ने कहा, हम वहीं लड़ेंगे जहां पर आपकी इच्छा है यह कोई जरूरी तो नहीं. उन्होंने कहा कि हम वहां युद्ध लड़ेंगे जहां से हमें खतरा महसूस हो रहा है.
डोभाल ने कहा कि हम युद्ध तो करेंगे, अपनी जमीन पर भी करेंगे और बाहर की जमीन पर भी करेंगे लेकिन अपने निजी स्वार्थ के लिए नहीं परमार्थ के लिए करेंगे.
एनएसए डोभाल ने कहा है कि भारत एक सभ्य देश है, जिसका वजूद अनादिकाल से मौजूद है. उन्होंने कहा कि भारत भले ही 1947 में अस्तित्व में आया हो लेकिन प्राचीन भारतीय ज्ञान-विज्ञान की कायल पूरी दुनिया हमेशा से रही है.
डोभाल ने कहा कि भारत अपनी समृद्ध संस्कृति और सभ्यता की वजह से किसी धर्म या भाषा के दायरे में नहीं बंधा. बल्कि इस धरती से वसुधैव कुटुंबकम और हर मनुष्य में ईश्वर का अंश मौजूद है के भाव का प्रचार प्रसार हुआ.
भारत को एक देश के तौर पर मजबूत पहचान दिलाने और संस्कारी बनाने में यहां के संत और महात्माओं का बड़ा योगदान है. भारत में अलग अलग समय पर संतों ने भारत का राष्ट्र निर्माण करने में अपनी अहम भूमिका निभाई है.
एनएसए डोभाल के बयान पर सरकार की ओर से सफाई देते हुए कहा गया है कि एनएसए के बयान चीन को लेकर नहीं दिया गया है बल्कि ये भारत की आध्यात्मिक सोच पर दिया गया है. हालांकि डोभाल का ये बयान साफ करता है कि भारत किसी भी देश से डरने वाला नहीं है और युद्ध की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है.