शुक्रवार को पीएम मोदी राष्ट्र के नाम संदेश में बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि मैं क्षमा चाहता हूं कि तीन कृषि कानून को मैं समझा नहीं सका.
इसलिए केंद्र सरकार ने तीनों कानून को वापस लेने का फैसला लिया है. इससे पहले पीएम ने कहा कि देश के कोने-कोने में कोटि-कोटि किसानों ने, अनेक किसान संगठनों ने, इसका स्वागत किया, समर्थन किया.
मैं आज उन सभी का बहुत आभारी हूं. बरसों से ये मांग देश के किसान, देश के कृषि विशेषज्ञ, देश के किसान संगठन लगातार कर रहे थे. पहले भी कई सरकारों ने इस पर मंथन किया था.
इस बार भी संसद में चर्चा हुई, मंथन हुआ और ये कानून लाए गए. अपने पांच दशक के जीवन में किसानों की चुनौतियों को बहुत करीब से देखा है जब देश हमें 2014 में प्रधानसेवक के रूप में सेवा का अवसर दिया तो हमने कृषि विकास, किसान कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी.
देश के छोटे किसानों की चुनौतियों को दूर करने के लिए, हमने बीज, बीमा, बाजार और बचत, इन सभी पर चौतरफा काम किया.
सरकार ने अच्छी क्वालिटी के बीज के साथ ही किसानों को नीम कोटेड यूरिया, सॉयल हेल्थ कार्ड, माइक्रो इरिगेशन जैसी सुविधाओं से भी जोड़ा. किसानों को उनकी मेहनत के बदले उपज की सही कीमत मिले, इसके लिए भी अनेक कदम उठाए गए.
हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए देश के कृषि जगत के हित में पूरी सत्यनिष्ठा से, नेक नीयत से ये कानून लेकर आई थी. हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए. भले ही किसान का एक वर्ग ही विरोध कर रहा था. यह हमारा लिए महत्वपूर्ण था.
पढ़े पीएम मोदी के संबोधन की पांच बड़ी बातें-
1.किसानों को समझाने का प्रयास किया गया. खुले मन से हम उन्हें समझाते रहे. उनसे बातचीत लगातार होती रही. हमने किसानों की बातों को समझने की पूरी कोशिश की. कानून के जिन प्रावधानों पर उन्हें ऐतराज था सरकार उन्हें बदलन के लिए भी तैयार हो गई.
2.पीएम ने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट के पास भी चला गया. मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए सच्चे मन से यह कहना चाहूंगा कि शायद हमारी तपस्या में कमी रही होगी कि हम किसान भाइयों को समझा नहीं पाए. आज प्रकाश पर्व है, यह समय किसी को दोष देने का नहीं है. मैं यह बताने आया हूं कि हमने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है.
3.किसानों की स्थिति सुधारने के लिए हमारी सरकार पूरी ईमानदारी के साथ काम कर रही है. तीन कृषि कानून लाए गए थे. मकसद देश के छोटे किसानों को सहूलियत देने के लिए इसे लाया गया. वर्षों से किसान, कृषि विशेषज्ञ, किसान संगठन इसकी मांग कर रहे थे. पहले की सरकारों ने इस बारे में प्रयास किया.
4.पीएम ने कहा-अपने पांच दशक के जीवन में किसानों की चुनौतियों को बहुत करीब से देखा है जब देश हमें 2014 में प्रधानसेवक के रूप में सेवा का अवसर दिया तो हमने कृषि विकास, किसान कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी.
5.आज देव दीपावली का पावन पर्व है. आज प्रकाश पर्व भी है. मैं देशवासियों को इसकी बधाई देता हूं. डेढ़ साल के बात करतारपुर साहिब कॉरिडोर फिर से खुल गया है.