आज बात होगी भारतीय रेलवे की विपक्ष लम्बे समय से केंद्र पर ये आरोप लगा रहा है कि मोदी सरकार रेलवे का निजीकरण करने जा रहा है लेकिन मंगलवार को इन सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल को लोकसभा में कहा कि इसका निजीकरण नहीं किया जाएगा और यह हमेशा सरकार के पास ही रहेगा.
यात्रियों को अच्छी सुविधाएं मिलें और भारतीय रेलवे के जरिए अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले, ऐसे कार्यो के लिये निजी क्षेत्र का निवेश देशहित में होगा लेकिन अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि कई सांसद सरकार पर निजीकरण और कॉर्पोरेटाइजेशन का आरोप लगा रहे हैं, जो कि सही नहीं है. भारतीय रेलवे का कभी निजीकरण नहीं होगा और ऐसा मैं पूरे विश्वास के साथ आज सदन में कह रहा हूं.
मालूम हो कि सदन में रेल मंत्रालय के अनुदानों की मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए रेल मंत्री ने कहा कि हम में से किसी ने कभी भी नहीं कहा कि सड़क पर केवल सरकारी वाहन चले, जबकि निजी और सरकारी दोनों ही आर्थित गतिविधियों को आगे बढ़ाते हैं. रेलवे सरकारी संपत्ति थी और रहेगी लेकिन अगर कोई इसमें निजी तौर पर निवेश करता है तो उसमें किसी को कोई बुराई नहीं दिखनी चाहिए और ना ही किसी को कोई एतराज होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान हमने रेलवे सेवाएं बंद की थीं, अन्यथा महामारी पर लगाम नहीं लग पाता लेकिन इस दौरान हमने 4,600 श्रमिक स्पेशल की व्यवस्था भी की थी, तो लोगों ने उसकी भी आलोचना कर डाली थी. आपको बता दें कि सोमवार को सदन में चर्चा के दौरान कांग्रेस के जसबीर सिंह गिल, आईयूएमएल के ई टी मोहम्मद बशीर ने अपने बयानों पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि सरकार रेलवे का निजीकरण करना चाहती है.
लोकसभा में बोलते हुए रेल मंत्री ने कहा कि आज रोड पर हर तरह के वाहन चलते हैं और तभी ही प्रगति होती है तो एक सवाल मैं भी पूछना चाह रहा हूं कि क्या रेलवे में प्रगति नहीं होनी चाहिए. मालवाहक ट्रेनें चलाने के लिए अगर कोई निजी निवेश होता है तो इसमें बुराई क्या है, आज रेलवे स्टेशन पर वेटिंग रूम चाहिए तो उसके लिए निवेश की जरूरत पड़ेगी है और जब सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर काम करेंगे, तभी देश का उज्ज्वल भविष्य बनाने में सफल होंगे.