सोमवार (07 सितंबर 2020) को दूरसंचार कंपनी वोडाफोन-आइडिया ने अपना नया ब्रैंड नाम ‘Vi’ कर दिया है. इसकी घोषणा वोडाफोन आइडिया के सीईओ रविंदर टक्कर ने की. लाइव अनाउंसमेंट के लाइव वेबकास्ट के दौरान रविंदर टककर ने कहा कि दो साल से भी कम समय में हमने दुनिया के सबसे बड़े इंटीग्रेशन के विशाल कार्य को हासिल कर लिया है. दोनों ब्रांडों का एकीकरण पूरा हो गया है. वोडाफोन आइडिया बोर्ड ने शुक्रवार को इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट्स के संयोजन के माध्यम से 25,000 करोड़ तक जुटाने की योजना को मंजूरी दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार ऑपरेटरों को इस साल कुल समायोजित सकल राजस्व (AGR) से संबंधित बकाया राशि का 10% भुगतान करने का निर्देश दिया है और बाकी भुगतान अगले 10 साल में 10 किस्तों में चुकाने का निर्देश दिया है. वोडाफोन आइडिया का एजीआर बकाया करीब 50,000 करोड़ है. फंड जुटाने की योजना शेयरधारकों की मंजूरी और अन्य सांविधिक अनुमोदन के अधीन है. फंड-जुटाना वोडाफोन आइडिया के लिए महत्वपूर्ण है, जो कि भारतीय प्रतिस्पर्धा वाले दूरसंचार बाजार में तीसरा सबसे बड़ा ऑपरेटर है.
संकट में फंसी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया लि. (वीआईएल) ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा ऑपरेटरों को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) का बकाया चुकाने के लिए 10 साल का समय देने के फैसले को अंतत: एक अच्छा नतीजा बताया है. रविंदर टक्कर ने सोमवार को एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि पूर्व में कंपनी शुल्क बढ़ाने से नहीं हिचकिचाती थी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नियामक और सरकार को न्यनूतम दर की अधिकतम सीमा तय करने के लिए कदम उठाना चाहिए. वोडाफोन आइडिया के निदेशक मंडल ने पिछले सप्ताह इक्विटी और लोन के जरिए 25,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना को मंजूरी दी है. इससे कंपनी को परिचालन में बने रहने में मदद मिलेगी.