चेन्नई| तमिलनाडु की पूर्व सीएम जे जयललिता की सहयोगी रहीं वीके शशिकला ने राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान किया है. शशिकला का ये फैसला जेल की सजा काटकर वापस लौटने के कुछ ही दिन बाद आया है.
बता दें एआईएडीएमके ने शशिकला को पहले ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. कुछ दिन पहले ही शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनाकरण ने कहा था कि शशिकला आगामी विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं.
शशिकला ने सन्यास के ऐलान के बाद AIADMK से डीएम को हराने की अपील करते हुए कहा कि, “हमारा लक्ष्य अपने दुश्मन डीएमके को हराना है. मैं कभी भी सत्ता के पीछे नहीं गई. मैं अपने और अम्मा के समर्थकों का धन्यवाद करती हूं.”
हाल ही में जयललिता के जन्मदिवस पर शशिकला ने सभी समर्थकों से अपील की थी कि वह एक हो जाएं और आगामी विधानसभा चुनावों में डीएमके को हराने में मदद करें.
शशिकला ने कहा था कि “अम्मा के समर्थकों को एक साथ आना चाहिए और जीत के लिए लड़ना चाहिए. आने वाले चुनावों में हमारा लक्ष्य जीत है. जल्द ही मैं कैडर और लोगों से मुलाकात करूंगी.”
आय से अधिक संपत्ति के मामले में चार साल से जेल की सजा काटकर शशिकला कुछ दिन पहले ही वापस लौटी हैं. चुनाव से कुछ दिन पहले ही जेल से उनकी वापसी ने राज्य का सियासी पारा गरमा दिया था.
ऐसी अफवाह थी कि पलानीस्वामी और पन्नीरसेल्वम की अध्यक्षता में भाजपा शशिकला और एआईएडीएमके के शीर्ष अधिकारियों के बीच विलय कर रही है. शशिकला ने अपने बयान में कहा कि वह जयललिता की भावनाओं के प्रति निष्ठावान बनी रहेंगी, ठीक वैसे ही जैसे वह उनकी “बहन” के रूप में थीं.
केपी मुनुसामी सहित अन्नाद्रमुक के कई नेताओं ने शशिकला के साथ सहानुभूति रखते हुए बयान दिए थे, हालांकि वे दिनाकरण के कदमों से आशंकित थे, जो सत्तारूढ़ दल के लिए परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं.
मुख्य विपक्षी द्रमुक, जो लगभग दस वर्षों से सत्ता से बाहर है, अप्रैल में चुनाव जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है. AIADMK, जिसने 2011 में DMK से सत्ता की बागडोर छीन ली थी, 2016 में जयललिता के नेतृत्व में वह फिर से विजयी हुई थी.