ताजा हलचल

अविश्वास प्रस्ताव आज: आइए देखते हैं सरकार बचाने के लिए इमरान खान के पास कौन सा ‘सरप्राइज’ है

आज संडे है. इस मौके पर बात करेंगे पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंधों को लेकर. ‌इसमें कोई दो राय नहीं है कि जब तक हमारा पड़ोस अच्छा रहेगा, हम भी खुश और सुकून से रहेंगे. ‌अगर पड़ोसी हमारा डिस्टर्ब है तो जाहिर है उसका असर हम पर भी पड़ेगा. ऐसे ही कई दिनों से भारत के दो पड़ोसी, श्रीलंका और पाकिस्तान में उथल-पुथल का दौर जारी है.

श्रीलंका में इस कदर आर्थिक मंदी छाई है कि हालात बद से बदतर हो गए हैं कि खाने तक के लाले पड़ रहे हैं. मूलभूत जरूरतों जैसे दूध, राशन, दवा ईंधन (पेट्रोल-डीजल) के लिए घंटों लाइन लगानी पड़ रही है. हालात इतने खराब है कि श्रीलंका से लोगों का पलायन भी शुरू हो गया है.

शनिवार को केंद्र सरकार ने श्रीलंका के लिए चावल समेत कई अन्य जरूरत सामानों को भेजा है. श्रीलंका में महंगाई की वजह से इमरजेंसी लगाने की नौबत आ गई है. राशन की दुकानों पर सेना तैनात है. हजारों लाखों लोग भूख से व्याकुल हो रहे हैं. श्रीलंका के हालातों को देखकर भारत पर असर पड़ना स्वाभाविक है.

अब आइए बात करते हैं आजादी के बाद से ही भारत को डिस्टर्ब करने वाला पड़ोसी पाकिस्तान की. साल 2018 से पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार है. इमरान खान को सत्ता से हटाने के लिए पूरा विपक्ष एक हो गया है. खिलाड़ी से प्रधानमंत्री बने इमरान खान सत्ता में इस वादे के साथ आए थे कि वह ‘नया पाकिस्तान’ बनाएंगे.

पाकिस्तान में एक पखवाड़े से रोज खबरे आ रही है कि इमरान सरकार गिर जाएगी. वहीं विपक्ष सत्ता परिवर्तन के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं. आखिरकार अभी तक कई सियासी दांवपेच आजमा कर इमरान अपनी सरकार को बचाने में कामयाब हो गए हैं. आज पीएम खान का सियासी भविष्य तय होगा.

सरकार गिरने के पूरे आसार हैं, लेकिन इमरान का कहना है कि मेरे पास एक ‘सरप्राइज’ है. शनिवार को इमरान ने कहा कि मैं मुल्क को खुशखबरी देने जा रहा हूं. रविवार के लिए मेरे पास एक से ज्यादा प्लान हैं. आज भारत के साथ दुनिया के तमाम मुल्क इमरान खान का सरप्राइज क्या है, देखना चाहते हैं.

पाकिस्तान में इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर संसद (नेशनल असेंबली) में वोटिंग होगी. अविश्वास प्रस्ताव को देखते हुए राजधानी इस्लामाबाद में सुरक्षा व्यवस्था जबरदस्त कड़ी कर दी गई है.

पाक की सरकारों का भविष्य सेना तय करती रहीं हैं लेकिन इस बार साधी चुप्पी

पाकिस्तान की सत्ता में शुरू से ही सेना का बड़ा रोल रहा है. सेना ही वहां की सरकारों का भविष्य तय करती रही है . अब तक इमरान खान के शासनकाल के दौरान कई बार पाक सेना अध्यक्ष जनरल बाजवा के बीच मनमुटाव की खबरें आईं थी. कुछ दिनों पहले भी जनरल बाजवा ने इमरान सरकार के खिलाफ आक्रामक तेवर अपनाए लेकिन फिलहाल वह न्यूटल (तटस्थ) की भूमिका में आ गए हैं. पाकिस्तान के सियासी घटनाक्रम में सेना पूरी तरह चुप्पी साधे हुए है.

वहीं दूसरी ओर विपक्ष के नेता पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में आगे चल रहे हैं. बता दें कि शहबाज शरीफ पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं. वहीं दूसरी ओर पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो भी इमरान खान सरकार को गिराने के लिए सड़क पर उतर आए हैं.

वहीं प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों और मंत्रियों ने भी विपक्ष के मंसूबों पर पानी फेरने और सरकार बचाने के लिए कमर कस ली है. इमरान खान के करीबी और कैबिनेट मंत्री फवाद चौधरी ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग के नेता शहबाज शरीफ पर तंज कसा है.

चौधरी ने कहा कि हम किसी भी सूरत में उन्हें प्रधानमंत्री नहीं बनने देंगे. आज संसद में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी सरकार को कैसे बचाते हैं और उनके पास क्या सरप्राइज है कुछ ही घंटे बाद सामने आ जाएगा. पाकिस्तान में आज होने वाले इस अविश्वास प्रस्ताव को लेकर तमाम मुल्कों की निगाहें लगी हुई हैं.

शंभू नाथ गौतम

Exit mobile version