देहरादून| उत्तराखंड की राजनीति में सनसनी फैलाने वाले भाजपा विधायक महेश नेगी यौन शोषण और ब्लैकमेलिंग मामले की जांच पीड़िता ने सीबीआई से करवाने की मांग की है.
पीड़िता ने गृह सचिव को पत्र लिखकर देहरादून पुलिस की जांच पर संदेह जताया और कहा है कि पुलिस दबाव में काम कर रही है.
इस बीच मंगलवार को उस पुलिस कांस्टेबल के बयान दोबारा दर्ज हुए जिसे विधायक महेश नेगी की पत्नी ने अपने पक्ष में गवाह के रूप में पेश किया है. इस बार पुलिस ने उसके बयानों की वीडियोग्राफ़ी भी करवाई है ताकि वह फिर बयान न बदले.
भाजपा विधायक महेश नेगी पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली युवती शुरू से और लगातार पुलिस पर दबाव में काम करने का आरोप लगाती रही है.
मंगलवार को पीड़िता ने राज्य के गृह सचिव नितेश झा को उनकी ऑफिशियल मेल आईडी पर एक एप्लीकेशन भेजी है. इसमें महिला ने यह केस सीबीआई को ट्रांस्फ़र करने की मांग की है.
गृह सचिव को लिखे पत्र में देहरादून पुलिस पर सवाल उठाते हुए पीड़िता ने कहा है कि यौन शोषण मामले में पुलिस दबाव में काम कर रही है.
विधायक गलत गवाह पेश कर रहे हैं जो दबाव में आकर अपना बयान पुलिस में दर्ज करवा रहे हैं लेकिन पुलिस विधायक के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं कर रही. इसके चलते वह चाहती हैं कि इस केस की निष्पक्ष जांच सीबीआई करे.
बता दें कि कुछ रोज विधायक महेश नेगी पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली युवती और पुलिस कांस्टेबल के की बातचीत का ऑडियो वायरल हो गया था.
इसमें पुलिस कांस्टेबल ने दबाव में पीड़िता के ख़िलाफ़ बयान देने की बात कही थी. हालांकि इस ऑडियो की पुष्टि न देहरादून पुलिस ने की है और न ही न्यूज़ 18 करता है.
वायरल ऑडियो में कॉन्स्टेबल पीड़िता को बता रहा है कि उसे जबरन हरिद्वार पुलिस लाइन से तमंचे के बल पर देहरादून के एमएलए होस्टल लाया गया और मारपीट की गई.
फिर दबाव में उसके बयान दर्ज करवाए गए. मामले के सुर्खियों में आने के बाद एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने फिर उस कांस्टेबल के बयान दर्ज करवाने के आदेश दिए.
पुलिस सूत्रों के अनुसार विधायक महेश नेगी की पत्नी ने ब्लैकमेलिंग की जो तहरीर दी है उसमें कांस्टेबल को गवाह के रूप में पेश किया गया था. कांस्टेबल ने 5 सितम्बर को देहरादून में अपने बयान भी दर्ज करवाए थे.
वायरल ऑडियो में कांस्टेबल ने खुद के साथ हुई मारपीट किए जाने और जबरन बयान दिलवाए जाने का आरोप लगाया है. इसके बाद देहरादून के एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने कांस्टेबल के यूनिट कमांडर को पत्र लिखा है.
इसमें कहा गया है कि कि ऑडियो की जांच करवाने के साथ ही यह भी पता लगाया जाएगा कि क्या कांस्टेबल के साथ सचमुच में मारपीट हुई थी.
पुलिस लंबे समय से गवाहों के बयान दर्ज करवाने के लिए वीडियोग्राफी की बात कर रही थी. पीड़िता और कॉन्स्टेबल का ऑडियो वायरल होने के चलते एक बार फिर मंगलवार को कॉन्स्टेबल के बयान दर्ज हुए हैं. इस बार इसकी वीडियोग्राफ़ी भी करवाई गई है.