वास्तु दोष के लिए कुछ निम्नोक्त सरल उपाय कर इनका निवारण किया जा सकता है-
1. पूजा घर पूर्व-उत्तर (ईशान कोण) में होना चाहिए तथा पूजा यथासंभव प्रातः 06 से 08 बजे के बीच भूमि पर ऊनी आसन पर पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके बैठ कर ही करनी चाहिए.
2. पूजा घर के पास उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में सदैव जल का एक कलश भरकर रखना चाहिए. इससे घर में सपन्नता आती है. मकान के उत्तर पूर्व कोने को हमेशा खाली रखना चाहिए.
3. घर में कहीं भी झाड़ू को खड़ा करके नहीं रखना चाहिए. उसे पैर नहीं लगना चाहिए, न ही लांघा जाना चाहिए, अन्यथा घर में बरकत और धनागम के स्रोतों में वृद्धि नहीं होगी.
4. पूजाघर में तीन गणेशों की पूजा नहीं होनी चाहिए, अन्यथा घर में अशांति उत्पन्न हो सकती है. तीन माताओं तथा दो शंखों का एक साथ पूजन भी वर्जित है. धूप, आरती, दीप, पूजा अग्नि आदि को मुंह से फूंक मारकर नहीं बुझाएं. पूजा कक्ष में, धूप, अगरबत्ती व हवन कुंड हमेशा दक्षिण पूर्व में रखें.
5. घर में दरवाजे अपने आप खुलने व बंद होने वाले नहीं होने चाहिए. ऐसे दरवाजे अज्ञात भय पैदा करते हैं. दरवाजे खोलते तथा बंद करते समय सावधानी बरतें ताकि कर्कश आवाज नहीं हो. इससे घर में कलह होता है. इससे बचने के लिए दरवाजों पर स्टॉपर लगाएं तथा कब्जों में समय समय पर तेल डालें.
6. खिड़कियां खोलकर रखें, ताकि घर में रोशनी आती रहे.
7. घर के मुख्य द्वार पर गणपति को चढ़ाए गए सिंदूर से दायीं तरफ स्वास्तिक बनाएं.
8. महत्वपूर्ण कागजात हमेशा आलमारी में रखें. मुकदमे आदि से संबंधित कागजों को गल्ले, तिजोरी आदि में नहीं रखें, सारा धन मुदमेबाजी में खर्च हो जाएगा.
9. घर में जूते-चप्पल इधर-उधर बिखरे हुए या उल्टे पड़े हुए नहीं हों, अन्यथा घर में अशांति होगी.
10. सामान्य स्थिति में संध्या के समय नहीं सोना चाहिए. रात को सोने से पूर्व कुछ समय अपने इष्टदेव का ध्यान जरूर करना चाहिए.
11. घर में पढ़ने वाले बच्चों का मुंह पूर्व तथा पढ़ाने वाले का उत्तर की ओर होना चाहिए.
12. घर के मध्य भाग में जूठे बर्तन साफ करने का स्थान नहीं बनाना चाहिए.
13. उत्तर-पूर्वी कोने को वायु प्रवेश हेतु खुला रखें, इससे मन और शरीर में ऊर्जा का संचार होगा.
14. अचल संपत्ति की सुरक्षा तथा परिवार की समृद्धि के लिए शौचालय, स्नानागार आदि दक्षिण-पश्चिम के कोने में बनाएं.
15. भोजन बनाते समय पहली रोटी अग्निदेव अर्पित करें या गाय खिलाएं, धनागम के स्रोत बढ़ेंगे.
16. पूजा-स्थान (ईशान कोण) में रोज सुबह श्री सूक्त, पुरुष सूक्त एवं हनुमान चालीसा का पाठ करें, घर में शांति बनी रहेगी.
17. भवन के चारों ओर जल या गंगा जल छिड़कें.
18. घर के अहाते में कंटीले या जहरीले पेड़ जैसे बबूल, खेजड़ी आदि नहीं होने चाहिए, अन्यथा असुरक्षा का भय बना रहेगा.
19. कहीं जाने हेतु घर से रात्रि या दिन के ठीक 12 बजे न निकलें.
20. किसी महत्वपूर्ण काम हेतु दही खाकर या मछली का दर्शन कर घर से निकलें.
21. घर में या घर के बाहर नाली में पानी जमा नहीं रहने दें.
22. घर में मकड़ी का जाल नहीं लगने दें, अन्यथा धन की हानि होगी.
23. Bedroom में कभी जूठे बर्तन नहीं रखें, अन्यथा परिवार में क्लेश और धन की हानि हो सकती है.
24. भोजन यथासंभव आग्नेय दिशा अर्थात पूर्व दक्षिण का कोना में पूर्व कीओर मुंह करके बनाना तथा पूर्व की ओर ही मुंह करके करना चाहिए.
25. घड़ी हमेशा घर में उत्तर या पूर्व दिशा में टांगे.