मकर सक्रांति यानी उत्तरायणी के मौके पर उत्तराखंड में जगह-जगह उत्तरायणी मेले और गिंडी मेलों का आयोजन होता है. खासतौर पर कुमाऊं क्षेत्र के बागेश्वर का उत्तरायणी मेला तो बहुत मशहूर है. इसके अलावा पौड़ी गढ़वाल का डाडामंडी मेला भी खासा मशहूर है.
पहाड़ों में लोगों को बड़ी बेसब्री से उत्तरायणी मेले का इंतजार होता है, फिर चाहे वह कुमाऊं हो या गढ़वाल क्षेत्र. बागेश्वर के अलावा हरिद्वार, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चंपावत और नैनीताल जिलों में भी इन मेलों की रौनक देखते ही बनती है.
कहने की जरूरत नहीं है कि अगर आपने ये मेले और खासकर बागेश्वर का उत्तरायणी मेला नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा. सुबह मकर सक्रांति मनाकर गांव-गांव से लोग सज-धजकर यहां पहुंचते हैं.
हालांकि, बागेश्वर में यह मेला सात दिन तक चलता है, लेकिन मकर सक्रांति के दिन इसका खास महत्व होता है. इन मेलों में जबरदस्त सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
बागेश्वर उत्तरायणी मेला देखने के लिए प्रेमिका को मनाता हुआ एक गाना…