उत्‍तराखंड

ऋषभ पंत की जान बचाने वाले ये हीरोज होंगे सम्मानित, उत्तराखंड पुलिस ने की घोषणा

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भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत का 30 दिसंबर 2022 शुक्रवार की सुबह एक भयानक एक्सीडेंट हो गया था. इस हादसे में विकेटकीपर खिलाड़ी बुरी तरह घायल भी हो गए. हादसे के तुरंत बाद उन्हें दिल्ली-देहरादून रोड स्थित सक्षम हॉस्पिटल ले जाया गया.

यहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें देहरादून मैक्स भी शिफ्ट कर दिया गया. यह एक्सीडेंट इतना भयानक था कि ऋषभ पंत की कार जलकर पूरी तरह खाक हो गई. इस हादसे में पंत को गंभीर चोटें आईं लेकिन उनकी जान बच गई. ऋषभ पंत के साथ हुए इस भयावह हादसे में उनकी जान बचाने में दो हीरोज का भी हाथ रहा.

वो दो हीरोज थे हरियाणा रोडवेड के ड्राइवर और कंडक्टर. जिस वक्त पंत की गाड़ी अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराई उसी वक्त हरिद्वार से पानीपत जा रही एक बस के ड्राइवर सुशील कुमार और कंडक्टर परमजीत ने गाड़ी रोक दी. इसके बाद दोनों ने जाकर देखा और पंत को गाड़ी से बाहर निकालने में मदद की.

फिर इन्हीं दोनों ने एम्बुलेंस बुलाई और पुलिस को भी हादसे की जानकारी दी. इस हादसे में सुशील और परमजीत ने ऋषभ पंत की जान बचाने में अहम योगदान दिया. इस कारण हरियाणा रोडवेज ने तो दोनों को सम्मानित किया ही, साथ ही उत्तराखंड पुलिस ने भी दोनों को सम्मानित करने की जानकारी देते हुए ट्वीट किया.

उत्तराखंड पुलिस के महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि, दिल्ली-देहरादून हाईवे पर भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत के साथ हुई सड़क दुर्घटना में हरियाणा रोडवेड के चालक सुशील कुमार और परिचालक परमजीत मदद के लिए आगे आए. इन दोनों को व अन्य स्थानीय लोगों को जिन्होंने पंत की मदद की उन्हें सड़क एवं परिवहन मंत्रालय, भारत सरकार की ‘गुड सेमेरिटन’ स्कीम के तहत सम्मानित व पुरस्कृत किया जाएगा.

भारत के स्टार क्रिकेटर ऋषभ पंत की कार का शुक्रवार सुबह करीब 5.30 बजे दिल्ली-देहरादून राजमार्ग पर भीषण एक्सीडेंट हो गया. हादसे की जानकारी के मुताबिक क्रिकेटर की कार सड़क के डिवाइडर से टकरा गई, जिसके चलते उन्हें कई काफी चोट लगी. बताया जा रहा है कि पंत रूड़की स्थित अपने घर जा रहे थे और झपकी लगने के कारण उनके साथ यह हादसा हो गया.

उन्हें दुर्घटना के बाद स्थानीय अस्पताल ले जाया गया. उनके सिर, पीठ और पैरों में चोट आई हैं, लेकिन उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. जानकारी के मुताबिक पंत अभी देहरादून मैक्स में एडमिट हैं और न्यूरो व ऑर्थो विभाग की निगरानी में हैं.








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