टिहरी| सैन्य भूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड का एक और लाल देश के लिए शहीद हो गया. ये तस्वीरें किसी राजनीतिक रैली की नहीं, बल्कि एक शहीद के सम्मान में उमड़ी भीड़ की हैं. कश्मीर में शहीद प्रवीन सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पुडोली पहुंचा तो पूरा इलाका ही उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि देने के लिए सड़कों पर उमड़ आया.
इस दौरान ग्रामीणों ने शहीद के सम्मान में नारे तो लगाए ही, पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाज़ी भी की. वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और सैन्य कल्याण मंत्री ने भी शहीद को श्रद्धांजलि दी.
शहीद प्रवीन सिंह का पार्थिव शरीर आज 4 जून को उनके पैतृक गांव पुडोली पहुंचा, तो अंतिम विदाई देने के लिए भारी संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ा. 15वीं गढ़वाल रायफल्स में तैनात सिंह की अंतिम क्रिया पैतृक घाट में सैन्य सम्मान के साथ संपन्न करवाई गई.
जम्मू कश्मीर के शोपियां में एक आईईडी ब्लास्ट में शहीद हुए सिंह के पार्थिव शरीर को जॉलीग्रांट एयरपोर्ट लाया गया था, जहां सैन्य कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने पुष्पांजलि अर्पित की और कांधा देकर टिहरी के लिए रवाना किया.
जोशी ने दिवंगत शहीद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि ग्रामीणों जिस तरह भी चाहेंगे, उनकी भावनाओं के अनुरूप शहीद प्रवीन सिंह के नाम पर किसी स्कूल या सड़क का नामकरण किया जाएगा. इसके साथ ही, जोशी ने शहीद के परिवार को सम्मान राशि भी जल्द ही आवंटित कर देने का भरोसा दिलाते हुए बताया कि राज्य सरकार ने शहीद के परिवार को दी जाने वाली राशि बढ़ाकर 35 लाख रुपये कर दी है.
31 मई को चंपावत उपचुनाव के लिए वोटिंग और 3 जून को मतगणना के बीच 2 जून को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने ट्वीट करते हुए शहीद प्रवीन सिंह को नमन किया. शहीद के बलिदान को धामी ने युवाओं के लिए प्रेरणा बताते हुए लिखा कि सिंह का यह बलिदान देश की संप्रभुता और अखंडता के लिए अविस्मरणीय रहेगा.