बुधवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य में चार धाम यात्रा के मद्देनजर सरकार को कोविड के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए उपाय प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. हाईकोर्ट ने अस्पतालों की तैयारियों और एम्बुलेंस की उपलब्धता पर भी रिपोर्ट मांगी इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 18 अगस्त है.
इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य में डेल्टा प्लस वैरिएंट संबंधी सावधानियों व तैयारियों और वैक्सीनेशन सहित कई अन्य महत्वपूर्ण मामलों पर राज्य सरकार और स्वास्थ्य सचिव को आदेश दिए हैं.
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को राज्य में कोविड-19 के लिए टीकाकरण केंद्रों को बढ़ाने और टीकाकरण के लाभों के बारे में लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ इसके बारे में उनकी गलत धारणाओं को दूर करने के लिए अभियान चलाने का निर्देश दिया, साथ ही राज्य सरकार को राज्य में ‘दिव्यांगजनों’ के टीकाकरण के लिए उपयुक्त व्यवस्था करने का निर्देश भी दिया.
हाईकोर्ट द्वारा राज्य सरकार व स्वास्थ्य सचिव को दिए गए निर्देशों में शामिल है- सरकारी अस्पतालों में पीडियाट्रिक वार्ड और पीडियाट्रिक वेंटिलेटर की क्या स्थिति है, साथ ही राज्य में डेल्टा प्लस वैरिएंट के संबंध में क्या स्थिति है और पूर्व में जो सैंपल भेजे गए थे उनके संबंध में क्या रिजल्ट आए और इस संबंध में क्या सावधानियां बरती गई हैं इसकी डिटेल दें. सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध एंबुलेंस की स्थिति, सुविधाएं और उनकी क्षमता के संबंध में ऑडिट रिपोर्ट कोर्ट ने तलब की है.
नैनीताल हाईकोर्ट ने बुधवार को यह आदेश जारी किया है कोर्ट ने कहा है कि चारधाम यात्रा का प्रकरण राज्य सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और वहां से कोई निर्णय नहीं हुआ है, 18 अगस्त तक चारधाम यात्रा पर रोक रहेगी.