चार धाम यात्रा को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है, उत्तराखंड सरकार को नैनीताल हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. प्रतिदिन सीमित संख्या में यात्रियों को धामों में प्रवेश दिए जाने के हाई कोर्ट के फैसले में संशोधन के बाद अब केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में यात्रियों की संख्या को बढ़ाते हुए कोर्ट ने कहा कि अब कोई भी श्रद्धालु तीर्थ यात्रा पर जा सकता है.
कोर्ट ने यात्रियों की संख्या अनलिमिटेड करने के आदेश दिए हैं. हालांकि कोर्ट ने ये आदेश देते हुए उत्तराखंड सरकार से कहा है कि सभी यात्रियों के लिए मेडिकल संबंधी तमाम इंतज़ाम पर्याप्त और त्वरित होने चाहिए. चारों धामों में मेडिकल सुविधा के लिए हेलीकॉप्टर तैयार रखने के निर्देश भी हाई कोर्ट ने दिए.
असल में, करीब तीन हफ्ते पहले हाई कोर्ट ने चार धाम यात्रा को सशर्त मंज़ूरी देते हुए केदारनाथ में 800, बद्रीनाथ में 1000, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 श्रद्धालुओं को ही एक दिन में दर्शन के लिए अनुमति दिए जाने की व्यवस्था दी थी.
इसके बाद से ही श्रद्धालुओं का हुजूम धामों पर पहुंच रहा था और प्रशासन को कई श्रद्धालुओं को रोकना या लौटाना पड़ रहा था. इस समस्या और श्रद्धालुओं की मांग के अनुसार सरकार ने बीते गुरुवार को हलफनामा दाखिल कर यात्रियों की संख्या की सीमा बढ़ाए जाने की गुहार लगाई थी.
चार धाम यात्रा के लिए देश भर से तीर्थ यात्री पहुंचते हैं. गाइडलाइन के मुताबिक जिन लोगों ने वैक्सीन के दोनों डोज़ लगवाए हैं और इसका प्रमाण पत्र है, उन्हें कोविड जांच की निगेटिव रिपोर्ट कैरी करने की बाध्यता नहीं है, लेकिन सोमवार को गाइडलाइन्स में कुछ फेरबदल करते हुए कहा गया कि केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों को फुल वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट होने के बावजूद 72 घंटे पहले तक की मान्य निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी.