उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की एक और लहर की आशंका को लेकर इससे निपटने के लिए तैयारियों में तेज़ी देखी जा रही है. ओमिक्रॉन संक्रमण का पहला केस मिलने के बाद राज्य में मॉनिटरिंग के साथ ही एम्स समेत सभी प्रमुख अस्पतालों में व्यवस्थाओं को चुस्त दुरुस्त करने की कवायद शुरू हो चुकी है.
दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में ओमिक्रॉन के केस बढ़ने के चलते केंद्र ने नाइट कर्फ्यू को लेकर सुझाव दिए हैं और मध्य प्रदेश ने इसे लागू भी कर दिया है. वहीं अब उत्तराखंड सरकार भी इसे लेकर विचार कर रही है और ऐसे में यहां फेस्टिवल सीज़न में पर्यटन पर असर पड़ सकता है.
उत्तराखंड में बुधवार को ओमिक्रॉन का पहला मामला सामने आने के बाद राज्य के मुख्य सचिव एसएस संधू ने एक हाई लेवल समीक्षा बैठक गुरुवार को की और सभी ज़िलों के डीएम व मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पूरी तैयारी रखने संबंधी निर्देश दिए.
समाचार एजेंसियों पीटीआई और एएनआई के मुताबिक इस बैठक में सभी ज़िलों को ऑक्सीजन और दवाओं आदि के पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित कर लेने के निर्देश दिए गए हैं. अस्पतालों में बेड्स की संख्या बढ़ाने को लेकर भी हिदायतें दी गईं.
हाई लेवल बैठक में कहा गया कि कोविड टेस्टिंग और वैक्सीनेशन के लिए डोर टू डोर सर्वे बढ़ाया जाएगा और ज़रूरत पड़ने पर नाइट कर्फ्यू का कदम भी उठाया जा सकता है.
इधर, स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक तृप्ति बहुगुणा ने बताया कि अगली लहर की आशंका और तैयारियों का जायज़ा लेने के लिए ऋषिकेश में एम्स समेत राज्य के प्रमुख अस्पतालों में मॉक ड्रिल की गई. इस ड्रिल में ऑक्सीजन प्लांटों, आईसीयू में कंसेंट्रेटरों और वेंटिलेटरों की स्थिति आदि को चेक किया गया.
दून अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि देहरादून के सरकारी मेडिकल कॉलेज में कोविड वॉर रूम बनाए जाने का फैसला भी लिया गया है.
वहीं, सभी प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग संबंधी हिदायतों का पालन कड़ाई से करें.
गौरतलब है कि देहरादून के कांवली रोड निवासी एक 23 वर्षीय युवती 22 दिसंबर को ओमिक्रॉन संक्रमित पाई गई थी, जो पिछले दिनों स्कॉटलैंड से लौटी थी.
साभार-न्यूज 18