देहरादून| 14 सूत्रीय मांगों लेकर उत्तराखंड बिजली विभाग के तीनों निगमों के अभियंताओं और कार्मिकों की छह अक्टूबर से बेमियादी हड़ताल घोषित है. लेकिन राज्य सरकार इससे अब सख्ती से निपटेगी. सरकार ने एस्मा लागू करने के साथ ही तीनों निगमों के कार्मिकों की छुट्टी पर रोक लगा दी है.
प्रदेश में जलविद्युत उत्पादन, पारेषण से लेकर बिजली आपूर्ति के लिए वैकल्पिक बंदोबस्त किए गए हैं. भाजपाशासित राज्यों उत्तरप्रदेश, हिमाचल और हरियाणा के साथ ही केंद्रीय ऊर्जा उपक्रमों के अभियंताओं और कार्मिकों को राज्य में तैनात किया गया है. हड़ताल से तीन दिन पहले यानी रविवार से ही राज्य की विद्युत व्यवस्था वैकल्पिक कार्मिकों के सुपुर्द होगी.
इसके लिए बाकायदा ट्रायल किया गया है. मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने शनिवार को सचिवालय में बैठक कर शासन, निगमों के आला अधिकारियों के साथ ही सभी जिलाधिकारियों व पुलिस कप्तानों को अलर्ट मोड में रहने को कहा गया है. सभी विद्युत प्रतिष्ठानों पर पुलिस फोर्स तैनात रहेगी.
उत्तराखंड ऊर्जा निगम, जलविद्युत निगम और विद्युत पारेषण निगम में करीब 10 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं. इनमें चार हजार नियमित और करीब छह हजार संविदा पर कार्यरत हैं. तीनों निगमों के अभियंता और कार्मिक उत्तराखंड विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले लंबे समय से आंदोलनरत हैं. बीते जुलाई माह में सरकार के साथ समझौते के बाद कार्मिकों ने हड़ताल स्थगित कर दी थी. इस बीच कार्मिकों की 14 सूत्रीय मांगों को लेकर ऊर्जा मंत्री डा हरक सिंह रावत व शासन के अधिकारी कई दौर की वार्ता कर चुके हैं, लेकिन सहमति नहीं बन पाई.
वार्ता से असंतुष्ट कार्मिक छह अक्टूबर से बेमियादी हड़ताल पर जाने की घोषणा कर चुके हैं. संयुक्त संघर्ष मोर्चा के रुख को देखकर अब सरकार ने हड़ताल से निपटने की तैयारी की है. हड़ताल के मद्देनजर एस्मा लागू कर दिया गया है. शनिवार को ऊर्जा निगम और पिटकुल के प्रबंध निदेशक दीपक रावत ने कार्मिकों की हड़ताल को देखते हुए तमाम कार्मिकों की छुट्टी पर रोक के आदेश जारी कर दिए.
शासन ने बिजली कार्मिकों की हड़ताल के मद्देनजर पड़ोसी राज्यों से मदद मांगी है. ऊर्जा सचिव सौजन्या ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश शासन को पत्र लिख उत्तराखंड में हड़ताल के दौरान कर्मचारी मांगे हैं. उन्होंने लिखा है कि उत्तराखंड में अति आवश्यक सेवाओं में एस्मा लागू है और हड़ताल निषिद्ध है.
ऐसे में यदि प्रदेश के कार्मिक हड़ताल पर जाते हैं तो ऊर्जा संबंधित कार्य प्रभावित हो सकते हैं. ऐसे में विद्युत उत्पादन, वितरण और पारेषण संबंधी कार्यों के संचालन को सोमवार तक कार्मिकों की उत्तराखंड में तैनाती सुनिश्चित कराएं. इसके अलावा पावर ग्रिड कारपोरेशन आफ इंडिया से भी मदद मांगी गई है.