उत्तराखंड सरकार उपद्रवियों से निपटने को लेकर कड़े कदम उठाने वाली है. इसके लिए वह 26 फरवरी से आरंभ होने वाले बजट सत्र में उत्तराखंड सार्वजनिक और निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक लाने वाली है. इस बिल के तहत विरोध प्रदर्शन और हड़ताल के दौरान हुए नुकसान की वसूली उपद्रव में शामिल आरोपियों से होगी. इसके लिए सेवानिवृत्त जिला जज की अध्यक्षता में ट्रिब्यूनल का गठन होगा. इस तरह से नुकसान की भरपाई की जाएगी. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दोहराया कि सरकार हल्द्वानी घटना के आरोपी दंगाइयों से करोड़ों रुपये के नुकसान की भरपाई करेगी.
इस विधेयक के बल पर विरोध प्रदर्शन या दंगे आदि घटनाओं की वजह से होने संपत्तियों को नुकसान की वसूली का अधिकार मिलेगा. ये चाहे सरकारी हो या निजी. सदन में बिल पास होने के बाद इसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह अधिसूचित होकर अधिनियम बन जाएगा.
सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायाधिकरण होगा. ये औपचारिक शिकायत दर्ज होने के बाद आरोपों पर गौर करने वाला है. नुकसान का आकलन करने और पक्षों को सुनने के बाद ट्रिब्यूनल वसूली का आदेश देगा. गृह विभाग के सूत्रों के अनुसार, ट्रिब्यूनल का आदेश अंतिम निर्णय होगा. आपको बता दें कि हरियाणा सरकार ने 2021 में इस कानून को पेश किया गया था. सबसे पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहली बार 2020 में इस अधिनियम को पेश किया था. उत्तराखंड ऐसे कानून को बनाने वाला तीसरा राज्य होने वाला है.
उत्तराखंड से पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ऐसा विधेयक ला चुकी है. यूपी में साल 2022 में 23 सितंबर को उत्तर प्रदेश लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली (संशोधन) विधेयक, 2022 को पारित कर चुका था. इस कानून के गठन के तहत प्राधिकरण को सिविल कोर्ट की शक्ति दी गई. यूपी में इस तरह के कानून का उपयोग हो चुका है.