3 मई से शुरू हो रही चार धाम यात्रा के लिए उत्तराखंड सरकार ने तैयारी कर ली है. हर साल की तरह इस बार भी देश के कोने-कोने से श्रद्धालु चार धाम की यात्रा करने पहुंचेंगे.
भक्तों की यात्रा को आसान बनाने के लिए सरकार ने कोविड-19 टेस्ट और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेशन की जांच को भी अनिवार्य नहीं किया है.
हालांकि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने दर्शन करने जा रहे श्रद्धालुओं की संख्या सीमित कर दी है.
उत्तरकाशी में यमुनोत्री मंदिर के कपाट खुलते ही 3 मई को चार धाम यात्रा की शुरुआत हो जाएगी. इस बीच उत्तराखंड सरकार ने चार धाम पर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को भी सीमित कर दिया है.
सरकारी निर्देश के मुताबिक, प्रतिदिन केवल 15,000 श्रद्धालु ही बाबा बद्रीनाथ के दर्शन करने जा सकेंगे. जबकि केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या 12,000 प्रतिदिन निर्धारित की गई है.
इसी तरह गंगोत्री और यमुनोत्री जाने वाले यात्रियों की संख्या को भी सीमित किया गया है. गंगोत्री धाम के दर्शन करने प्रतिदिन केवल 7,000 श्रद्धालु ही जा सकेंगे. जबकि यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए प्रतिदिन केवल 4,000 श्रद्धालुओं को ही अनुमति मिलेगी.
चार धाम पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह व्यवस्था अगले 45 दिनों तक लागू रहेगी. श्रद्धालुओं को आगमन से पहले राज्य के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने का भी निर्देश दिया गया है.