तीरथ रावत सरकार ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षा को निरस्त कर दिया गया है. राज्य सरकार की ओर से इस बाबत आदेश जारी कर दिया गया है.
सभी छात्र-छात्राओं को प्रमोट किया जाएगा. जो बच्चे समझते हैं कि उन्हें कम अंक देकर प्रमोट किया गया है उन्हें परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाएगा.
उत्तराखंड बोर्ड की 12वीं कक्षा में एक लाख 23 हजार से अधिक छात्र पंजीकृत हैं, जबकि 10वीं कक्षा की परीक्षा में एक लाख 48 हजार से अधिक छात्र पंजीकृत हैं. शिक्षा विभाग की ओर से बोर्ड के छात्रों की परीक्षा के लिए 1347 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. उत्तराखंड सरकार की ओर से पहले हाईस्कूल की परीक्षा को रद्द किया गया था.
सरकार उत्तराखंड बोर्ड की 12वीं की परीक्षा को बहुविकल्पीय प्रश्नों के आधार (एमसीक्यू) पर कराने की तैयारी में थी. शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम का कहना था कि एमसीक्यू के आधार पर परीक्षा होती तो तीन के बजाय डेढ़ घंटे का पेपर होता.
सरकार उत्तराखंड बोर्ड की 12वीं की परीक्षा की तैयारी में तो जुटी थी, लेकिन छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के लिए वैक्सीनेशन के कोई इंतजाम नहीं किए गए थे. प्रदेश में केवल 30 हजार शिक्षकों को ही वैक्सीन लगी है.
