देहरादून: मुख्य सचिव ने की उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा

देहरादून| गुरुवार को मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के जीवन में उच्च शिक्षा का अत्यधिक महत्व है. उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने हेतु प्रयास किए जाएं. उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में कॉलेज तो हैं पर फैकल्टी की कमी है. इसके लिए ऑनलाइन एजुकेशन एक अच्छा विकल्प है.

मुख्य सचिव ने कहा कि देश-विदेश और प्रदेश के बेस्ट टीचर्स के लेक्चर के वीडियोज सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को उपलब्ध कराए जाएं. जिससे छात्र-छात्राओं को सबसे अच्छे अध्यापकों से ज्ञान अर्जन का अवसर मिलेगा.

इसके लिए सभी कक्षाओं में टीवी या बड़ी स्क्रीन उपलब्ध करायी जाए. ऐसे क्षेत्रों में जहां नेटवर्क नहीं है, यह पाठ्य सामग्री और वीडियो पेनड्राईव के माध्यम से उपलब्ध कराई जाए. यह हमारे पर्वतीय संस्थानों के लिए अत्यधिक उपयोगी होगा. इससे हमारे शिक्षकों को भी विषय के बेस्ट लेक्चर सुनने का लाभ मिलेगा.

मुख्य सचिव ने प्रत्येक राजकीय कॉलेज व यूनीवर्सिटी में इन्नोवेटिव क्लब बनाए जाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नवाचार योजना को बढ़ावा दिया जाए, इससे नवाचार को बढ़ावा मिलेगा. इस मद में धन की कमी नहीं होने दी जाएगी.

साथ ही, देश के बेस्ट कॉलेज के मॉडल को अपनाकर अपने राज्य में लागू किया जाए. शुरुआत में प्रत्येक जनपद के एक कॉलेज में इसे शुरू की जा सकती है. जिसका अनुपालन अन्य सरकारी और प्राइवेट कॉलेज कर सकेंगे. उन्होंने टीचर्स को भी अपडेट रखने हेतु शॉर्ट टर्म कोर्सेज कराने जाने हेतु व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए.

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को सभी सरकारी शिक्षण संस्थानों को नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एन.आई.आर.एफ) में अनिवार्य रूप में प्रतिभाग करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि रैंकिंग में प्रतिभाग करने के संस्थानों की गुणवत्ता में सुधार आएगा.

उन्होंने कैरियर काउंसिलिंग पर भी फोकस किए जाने के निर्देश दिए. कहा कि एक ऐसा पैनल तैयार किया जाए जिसमें अनुभवी लोगों को रखा जाए, जो छात्र-छात्राओं को कैरियर के सम्बन्ध में सुझाव दे सकें.

मुख्य सचिव ने प्रत्येक जनपद में महिला छात्रावासों को विकसित और सुदृढ़ किए जाने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पहले से उपलब्ध छात्रावासों को सुदृढ़ करके ऐसी व्यवस्था की जाए, जिसमें किसी भी कॉलेज और विश्वविद्यालय की छात्राएं रह सकें.

उन्होंने कहा कि दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में छात्र-छात्राएं कॉलेज दूर होने या किराया अधिक होने के कारण कॉलेज नहीं जा पाते हैं. हमारे प्रदेश का युवा उच्च शिक्षा से वंचित न रहे, इसके लिए प्रयास किए जाने चाहिए. स्थानीय प्रशासन अथवा विभाग द्वारा छात्र-छात्राओं को स्थानीय परिवहन सुविधा में छूट उपलब्ध कराए जाने हेतु विभाग द्वारा शीघ्र प्रस्ताव तैयार किया जाए.

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी सहित कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों के कुलसचिव एवं रजिस्ट्रार उपस्थित थे.

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