उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की नाराजगी सत्ता के गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है. कुछ दिन पहले उन्होंने अगला विधानसभा चुनाव न लड़ने का ऐलान किया. डॉ. हरक सिंह रावत के इस बयान के बाद जो सियासी रायता फैला है, वो बीजेपी से समेटते नहीं बन रहा.
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जहां डॉ. हरक सिंह रावत को पार्टी में शामिल होने का ऑफर दे रही है तो वहीं हरक सिंह रावत की बीजेपी से नाराजगी अब सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी दिखने लगी है. हाल में हरक सिंह देहरादून में अपने विभाग से जुड़े एक कार्यक्रम में भी नहीं पहुंचे.
इस कार्यक्रम में सीएम रावत तो आए थे, लेकिन डॉ. हरक सिंह रावत नदारद रहे. वन और श्रम जैसे विभाग देख रहे मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के अगला विधानसभा चुनाव न लड़ने के ऐलान के बाद उत्तराखंड में सियासी रार छिड़ गई है.
वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री इंदिरा हृदयेश और उपनेता सदन करन माहरा ने हरक सिंह को कांग्रेस में शामिल होने का ऑफर दिया है, लेकिन हरदा को ये आइडिया जंच नहीं रहा. कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने साफ संकेत दिए कि हरक की एंट्री को उनका समर्थन नहीं मिलेगा.
वहीं डॉ. हरक सिंह रावत के आप ज्वाइन करने के कयास भी लग रहे हैं. हालांकि इसे लेकर आम आदमी पार्टी के नेताओं का अलग-अलग रुख है. डॉ. हरक सिंह रावत ने भी अपना स्टैंड क्लीयर नहीं किया है.
वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि हरक पार्टी के साथ खड़े रहेंगे. एक समय पर कांग्रेस को बीच मंझधार में छोड़ बीजेपी का दामन थामने वाले डॉ. हरक सिंह रावत को लेकर कांग्रेस के कई नेता नरम रुख अपनाए हुए हैं.