यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई का आज तीसरा दिन है. यूक्रेन की सड़कों, गलियों में रूसी टैंक नजर आ रहे हैं तो आसमान से लड़ाकू विमान बम बरसा रहे हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने आगाह किया है कि रूस की सेना राजधानी कीव की तरफ बढ़ रही है और जल्द ही यह कीव पर कब्जा कर सकती है.
गंभीर हालात को देखते हुए यूक्रेन में आम लोगों ने भी मुल्क की रक्षा के लिए हथियार उठा लिए हैं, लेकिन रूस के आगे अब भी यूक्रेन की ताकत उतनी नहीं है कि वह माकूल जवाब दे सके.
यूक्रेन को रूसी हमले की स्थिति में अमेरिका और नाटो से मदद की आस थी, जो सैन्य एक्शन के रूप में अब तक पूरी होती नहीं दिख रही है और इसे लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति अपनी निराशा भी जता चुके हैं. लेकिन अमेरिका रूस के खिलाफ ताबड़तोड़ प्रतिबंधों का ऐलान कर रहा है.
रूस के दो बड़े वित्तीय संस्थानों- वीआईबी और सैन्य बैंक पर प्रतिबंध लगाने के बाद अमेरिका ने अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर व्यक्तिगत रूप से बैन लगाने की घोषणा की है. पुतिन के साथ-साथ रूस के शीर्ष चार नेताओं को अमेरिका ने बैन किया है.
अमेरिका के इस फैसले को रूस पर दबाव बनाने के लिए उठाए गए बड़े कदम के तौर पर देखा जा रहा है, जिसमें उसने रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ-साथ विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु, आर्मी चीफ वलेरी गेरासिमोव पर भी बैन लगाया है.
इसके तहत रूस के शीर्ष नेताओं व आर्मी चीफ की संपत्तियों को जब्त किया जाएगा. अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी जे ब्लिंकन ने यूक्रेन पर हमले के एवज में रूस को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा. यूक्रेन आज भीषण संकट का सामना कर रहा है, जिसके लिए रूस जिम्मेदार है. इसलिए रूस की सरकार को इसके लिए गंभीर आर्थिक व राजनयिक कीमत चुकानी होगी.