वाशिंगटन|….यूएई और इजरायल के बीच शांति समझौता कराने के चलते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को साल 2021 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया है. फॉक्स न्यूज की एम रिपोर्ट के अनुसार डोनाल्ड ट्रंप का नॉमिनेशन नॉर्वे संसद के क्रिश्चियन ताइब्रिंग गजेड्डे की ओर से किया गया है. क्रिश्चियन ताइब्रिंग नॉर्वे प्रतिमंडल के चेयरमैन हैं और नाटो पार्लियामेंटरी असेंबली का हिस्सा हैं. क्रिश्चियन ताइब्रिंग के अलावे नॉमिनेशन करने वालों में चार सदस्य और हैं. यह खबर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यूएई-इजरायल के बीच समझौता कराने के कुछ ही हफ्तों आई है.
दोनों देशों के बीच 2020 अगस्त में हुई थी सुलह
अगस्त 2020 में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इजरायल ने दशकों पुरानी दुश्मनी भुलाकर एक ऐतिहासिक समझौता किया था. इस समझौते में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भूमिका निभाई थी. समझौते के तहत, इजरायल ने फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक इलाके में अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार हो गया था. वहीं, यूएई, इजरायल से पूर्ण राजनयिक संबंध बहाल करने को राजी हो गया. ऐसा करने वाला वह पहला खाड़ी देश बन गया था.
क्रिश्चियन ताइब्रिंग के हवाले से फॉक्स न्यूज ने कहा कि मैं यह समझता हूं कि डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच सुलह कराने के जो प्रयास किए हैं, उसके लिए शांति पुरस्कार का नॉमिनेशन काफी नहीं है.
नॉर्वे के क्रिश्चियन ताइब्रिंग ने ट्रंप को किया नॉमिनेट
ताइब्रिंग नॉर्वे की संसद के चार बार से सदस्य हैं और नाटो की संसदीय असेंबली का हिस्सा हैं. उन्होंने यूएई और इजरायल के बीच बेहतर संबंधों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए ट्रंप को श्रेय दिया.
मिडिल ईस्ट से सैनिकों को वापस बुलाने के लिए ट्रंप की तारीफ
उन्होंने फॉक्स न्यूज से कहा कि नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किए गए अन्य लोगों से ज्यादा ट्रंप ने देशों के बीच शांति स्थापित करने की कोशिशें की हैं. ताइब्रिंग ने ट्रंप की मिडिल ईस्ट से बड़ी संख्या में सैनिकों को वापस बुलाने के लिए भी प्रशंसा की.
ट्रंप के लिए नॉमिनेशन पत्र में ताइब्रिंग ने लिखा, ‘जैसी कि उम्मीद है कि अन्य मध्य पूर्वी देश संयुक्त अरब अमीरात के नक्शेकदम पर चलेंगे, यह समझौता एक गेम चेंजर हो सकता है जो मध्य पूर्व को सहयोग और समृद्धि के क्षेत्र में बदल देगा.’