कानपुर| पीएम मोदी की कानपुर रैली के दौरान फसाद कराने की साजिश रचने वाले आरोपियों की अब खैर नहीं है. पुलिस की मानें तो इन सभा आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई होगी और जरूरत हुई तो एनएसए भी लगाया जा सकता है.
पीएम मोदी व सीएम योगी आदित्यनाथ की लगी तस्वीर वाली गाड़ी में तोड़कर-फोड़कर, उसका वीडियो बनाकर वायरल करने के मामले में पुलिस ने अब तक 7 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोप है कि ये सभी समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए हैं.
कानपुर पुलिस कमिश्नर असिम अरुण सिंह ने कहा कि हमने 28 दिसंबर को पीएम मोदी के कानपुर दौरे के दौरान हंगामा करने की साजिश रचने के आरोप में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. हम इस मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई कर रहे हैं और अगर जरूरत पड़ी तो एनएसए एक्ट भी लगाया जाएगा.
दरअसल, 28 दिसंबर को कानपुर में पीएम मोदी का दौरा था. मेट्रो का उद्घाटन करने के साथ-साथ वह एक जनसभा को भी संबोधित करने वाले थे. तभी कुछ लोगों ने पीएम मोदी की तस्वीर वाली गाड़ी में तोड़फोड़ की और आगजनी भी. यह घटना कानपुर के नौबस्ता की है.
आरोप है कि तोड़फोड़ और आगजनी का वीडियो रैली से ठीक पहले वायरल किया गया. वीडियो के जरिए बीजेपी कार्यकर्ताओं को उकसाने की साजिश थी. रैली में आए लोगों को उग्र करने और रैली में हिंसा कराने की साजिश रची गई थी. मगर पुलिस की मुस्तैदी से कोई अप्रिय घटना नहीं हुई.
इसके बाद पुलिस ने नौबस्ता थाने में कानपुर के कुछ लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की अलग-अलग धाराओं में एफआईआर दर्ज की और फिर वीडियो के आधार पर पहचान कर गिरफ्तारी की.
इससे पहले अपर पुलिस आयुक्त आनन्द प्रकाश तिवारी ने की पुष्टि थी कि जिस गाड़ी में तोड़फोड़ हुई, वह गाड़ी अंकुर पटेल नाम के शख्स की है, जो 2019 से 2020 तक समाजवादी पार्टी में पिछड़ा वर्ग के प्रकोष्ठ सचिव रहे हैं.