आज बात एक बार फिर उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी की. पिछले चार दिनों से प्रदेश की राजनीति में मंत्री के भाई की ‘गरीब कोटे’ से सिद्धार्थ नगर जिले के सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर हुई नियुक्ति के बाद विपक्ष कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के नेता योगी सरकार पर लगातार दबाव बनाए हुए थे.
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई गरीब बनकर असिस्टेंट प्रफेसर की नियुक्ति पा गए. लाखों युवा रोजगार की राह ताक रहे हैं, लेकिन नौकरी ‘आपदा में अवसर’ वालों की लग रही है. ये गरीबी व आरक्षण दोनों का मजाक उड़ा रहे हैं. आप के यूपी प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी इसे नौकरी के लिए लाठी खा रहे युवाओं का अपमान बताया था. ‘समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर कहा है कि प्रदेश में सिर्फ भ्रष्टाचार ही शेष है’.
मंत्री का इस्तीफा लेकर नियुक्ति निरस्त होनी चाहिए. आखिरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सिद्धार्थनगर दौरे से एक दिन पहले ही बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश त्रिवेदी के भाई अरुण द्विवेदी ने असिस्टेंट प्रोफेसर पद से ‘इस्तीफा’ दे दिया है. उनका इस्तीफा कुलपति ने मंजूर भी कर लिया. बता दें कि सीएम योगी एक दिन के दौरे 27 मई को सिद्धार्थनगर जाने वाले हैं, वह नहीं चाहते थे कि इस दौरान विपक्ष इसे मुद्दा बनाए. मंत्री के भाई के इस्तीफे के बाद विपक्ष इसे अपनी जीत मान रहा है.
बता दें कि विपक्ष के आरोपों के बाद बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने इन आरोपों को बेबुनियाद करार दिया था. द्विवेदी ने कहा उनकी तथा उनके भाई की आमदनी में अंतर है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को चयन के लिए जो प्रक्रिया अपनानी थी उसमें किसी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है, फिर भी अगर किसी को कुछ गलत लगता है तो वह जांच के लिए तैयार हैं.
बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी के भाई अरुण द्विवेदी की सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में सहायक प्रफेसर के पद पर नियुक्ति की गई. हैरानी वाली बात यह है कि यह नियुक्ति आर्थिक रूप से ‘कमजोर वर्ग कोटे’ से मनोविज्ञान विभाग में की गई. मंत्री के भाई के नियुक्त पर कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र दुबे पर भी सवाल उठे थे. उसके बाद कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आप ने इस मामले की जांच की मांग की थी.
मंत्री के भाई की नियुक्ति का मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद योगी सरकार सवालों के घेरे में थी. इस बीच राज्यपाल ने भी सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति से पूरे मामले में जवाब-तलब किया था. बता दें कि बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश द्विवेदी सिद्धार्थनगर जिले की इटवा सीट से साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक चुने गए. उन्होंने समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व स्पीकर माता प्रसाद को हराया था. जिसके बदले में योगी सरकार ने उन्हें मंत्री पद से नवाजा था.