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नई रिसर्च में दावा, होंठ, स्किन और नाखूनों के रंग में बदलाव भी कोरोना के संकेत

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सांकेतिक फोटो

कोरोना अपना रूप बदलने के साथ ही लोगों को संक्रमित करने के बाद अपने लक्षणों में लगातार परिवर्तन कर रहा है. ओमिक्रॉन मामले में इसके कुछ नए लक्षण सामने आए थे अब कोरोना के मामले में कुछ और नए लक्षण सामने आ रहे हैं.

अमेरिकी डॉक्टरों के मुताबिक भूरे होंठ , स्किन और नेल्स कोरोना के नए लक्षण के संकेत हो सकते हैं. अमेरिकी डॉक्टर ने इसे इमरजेंसी वार्निंग साइन बताया है. अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने रंग में परिवर्तन को तत्काल मेडिकल अटेंशन की जरूरत बताया है.

कई तरह से रंग बदलते हैं
सीडीसी ने कोविड के लिए 11 लक्षणों को चिन्हित किया है जिनमें सिर दर्द, गले में खराश और बेचैनी भी शामिल है. दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) अभी भी तीन लक्षणों को ही चेतावनी के संकेत मान रही है. ये संकेत हैं बुखार, लगातार खांसी और स्वाद तथा गंध का जाना हैं. एनएचएस होंठ, स्किन और नेल्स के रंग में परिवर्तन को वार्निंग साइन नहीं मानती. जबकि रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर बच्चे के होंठ, स्किन और नेल्स का रंग भूरा, मटमैला, ब्लू या ग्रे हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

महामारी की शुरुआत के बाद से ही अमेरिका के हेल्थ प्रमुख ने भी इन लक्षणों को आपात मेडिकल देखरेख की जरूरत बताया है. हालांकि ओमिक्रॉन के मामले में इस तरह के लक्षणों को चिन्हित किया गया है.

नाखूनों का रंग बदलना आइरन की कमी का भी संकेत
किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने अपने विश्लेषण के आधार पर पाया है कि वैक्सीन लेने वाले लोगों में सामान्यतया हल्के लक्षण ही दिखाई देते हैं. ये लक्षण हैं- छींक, सिर दर्द, नाक बहना, स्वाद और गंध का जाना, सर्दी, बुखार और गले में खराश.

दूसरी ओर नाखूनों का ग्रे रंग हो जाना आइरन की कमी का खतरनाक संकेत भी है. अगर किसी के नाखूनों का रंग ग्रे हो गया है तो इसका मतलब है कि उस व्यक्ति के शरीर के प्रमुख अंगों में ऑक्सीजन की कमी हो गई है. ग्रे स्किन और लिप्स का यह मतलब है कि शरीर का ब्लड सर्कुलेशन सही नहीं है और ऑक्सीजन की सप्लाई भी सही से नहीं हो रही है. इससे अस्थमा, निमोनिया और हार्ट डिजीज का जोखिम है.

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