जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग की खूबसूरती का दीदार पर्यटक अब 12 महीने कर सकेंगे. देश-विदेश के पर्यटक अब आसानी से श्रीनगर से सोनमर्ग पहुंच सकेंगे. बर्फबारी की वजह से साल के छह महीने सोनमर्ग का इलाका देश के बाकी हिस्सों से कटा रहता है. मगर केंद्र सरकार की परियोजना की वजह से अब से मुश्किलें जल्द ही खत्म होने वाली हैं.
दरअसल, केंद्र सरकार की अति महत्वपूर्ण जेड मोड़ टनल (Z-Morh tunnel) प्रोजेक्ट के इमरजेंसी ट्यूब से परिवहन आसान हो जाएगा. आज सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी जेड मोड़ टनल का मुआयना भी किया. साल के छह महीने सोनमर्ग के इस इलाके से लोगों को पलायान करना पड़ता था.
वो अपना घर छोड़ श्रीनगर और अन्य इलाकों में चले जाते हैं.जेड मोड़ टनल के इमरजेंसी ट्यूब के खुलने से सोनमर्ग के स्थानीय लोगों अब इस मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ेगा.
अधिक ऊंचाई के कारण सोनमर्ग में बर्फबारी और हिमस्खलन होता है. इससे तीन से चार महीने लोगों का यहां आना-जाना बंद हो जाता है. सामरिक रूप से यह बेहद ही अहम मार्ग है, क्योंकि ये सड़क जोजिला दर्रा होते हुए लेह-लद्दाख (Leh-Ladakh) सीमा तक जाती है.
6.2 किलोमीटर लंबी टनल जेड मोड़ सुरंग का काम तेजी से चल रहा है. उम्मीद है कि इस बार की सर्दियों में यह टनल खुल जाएगी और यहां के स्थानीय लोगों को किसी दूसरे जगह पर पलायान करने की जरूरत नहीं पडे़गी. साथ ही देश-विदेश के पर्यटक भी सर्दियों में सोनमर्ग की बर्फबारी का आनंद उठा सकेंगे.
पिछले साल पूर्वी लद्दाख में चीन से टकराव के बाद केंद्र सरकार ने लेह-लद्दाख नेशनल हाइवे पर दो टनल के निर्माण के काम को और तेज कर दिया है. इसे रिकॉर्ड 11 महीने में पूरा करने का टार्गेट रखा गया था. टनल के निर्माण का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है.
6. 2 किलोमीटर लंबी टनल के निमार्ण की लागत 2379 करोड़ रुपये है. जेड मोड़ टनल में आने-जाने के लिए दो अलग सुरंगों का भी निर्माण किया गया है. पहली सुरंग 435 मीटर लंबी है और दूसरी सुरंग की लंबाई 1920 मीटर है. इमरजेंसी हालात से निपटने के एक इस्केप टनल भी तैयार किया गया है.