आज बात होगी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के मिशन की. पिछले कुछ समय से संघ प्रमुख ने भाजपा को अन्य राज्यों में आगे बढ़ाने के लिए अपनी सक्रियता बढ़ा रखी है. इसी को लेकर संघ की ओर से केंद्र और भाजपा की राज्य सरकारों के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का सिलसिला तेज हो गया है. अब चर्चा को आगे बढ़ाते हैं.
पिछले महीने दिसंबर में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने पश्चिम बंगाल में दो दिवसीय दौरे में संकेत दे दिए थे कि ‘आरएसएस पांच राज्यों के होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए एक्टिव मोड में है’. हालांकि संघ सबसे अधिक महत्व बंगाल को दे रहा है.
बता दें कि बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत बीजेपी और संघ के लिए राजनीतिक रूप से जितनी महत्वपूर्ण है, वैचारिक रूप से भी उतनी ही जरूरी है. इसी को लेकर संघ प्रमुख भागवत ने इससे पहले भी सितंबर महीने में 4 दिन के दौरे पर बंगाल गए थे. मोहन भागवत के बंगाल दौरे से स्वयंसवेकों और भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा हुआ है.
‘संघ प्रमुख के बंगाल की सियासत में अपनी गतिविधि बढ़ाने के बाद भाजपा केंद्रीय आलाकमान भी सक्रिय है, अमित शाह से लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई दिग्गज नेताओं ने बंगाल में दौरे कर पार्टी के लिए माहौल बनाने में जुटे हुए हैं’.
अब इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए संघ प्रमुख ने केंद्रीय मंत्रियों समेत भाजपा के नेताओं से बंगाल समेत अन्य राज्यों का फीडबैक लेने के लिए अहमदाबाद बुलाया है. ‘संघ की पाठशाला में जाने के लिए इन दिनों भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्रियों समेत बीजेपी के कई नेता अपने कामकाज की समीक्षा करने में लगे हुए हैं’.
इन नेताओं को संघ के दरबार में विकास कार्यों का हिसाब देना है. हम आपको बता दें कि इस साल होने वाले ‘पांच राज्यों में चुनावों के लिए भाजपा की तैयारियों को लेकर अहमदाबाद में 5 से 7 जनवरी को बीजेपी नेताओं की संघ के साथ हाईप्रोफाइल मीटिंग हैै’. तीन दिन की इस मीटिंग में संघ परिवार के दूसरे संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.
कॉर्डिनेशन मीटिंग में बीजेपी सरकार के कामकाज की समीक्षा की जाएगी. संघ और बीजेपी के बीच इस तरह की कॉर्डिनेशन मीटिंग अलग-अलग स्तर पर होती रहती है लेकिन अहमदाबाद में होने वाली राष्ट्रीय स्तर की मीटिंग है और केंद्रीय मंत्री समेत भाजपा के कई नेता संघ को सभी पहलुओं की जानकारी देते हैं, कई केंद्रीय मंत्री अलग-अलग दिन मौजूद रहेंगे. ये मंत्री संघ संगठनों के प्रतिनिधियों को भाजपा सरकार के कामकाज का ब्योरा देंगे.
गौरतलब है कि कोरोना काल में आरएसएस की यह बड़ी बैठक होने जा रही है. चूंकि इस बैठक में संघ परिवार से जुड़े सहयोगी संगठनों के शीर्ष पदाधिकारी ही शामिल होते हैं, ऐसे में इसका आयोजन वर्चुअल नहीं बल्कि पहले की तरह होगा.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार