तपोवन में सुरंग में फंसे लोगों को बचाने के लिए ऑपरेशन अभी भी जारी है. राज्यसभा को गृहमंत्री अमित शाह ने विस्तार से पूरी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अभी 197 लोग लापता है इसके साथ ही सुरंग में फंसे हुए लोगों को बचाने की कवायद युद्धस्तर पर जारी है. उन्होंने कहा कि एनटीपीसी की 520 मेगावाट परियोजना को नुकसान हुआ है. लेकिन राज्य के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा नहीं है.
राहत बचाव कार्य जारी
एसडीआरएफ के जवानों के साथ अन्य बचाव दल के सदस्य पूरे समय से लगे हुए हैं. तपोवन टनल से मलवा हटाने का काम रातभर चलता रहा. आईटीबीपी की टीम सुरंग साफ करने में जुटी है. सेक्टर मुख्यालय, आईटीबीपी देहरादून की डीआईजी अपर्णा कुमार का कहना है कि ऑपरेशन को पूरी रात चलाया गया और बहुत सारे मलबे को हटा दिया गया है. हम अब तक कोई संपर्क स्थापित नहीं कर पाए हैं. अभी तक जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक 120 मीटर टनल की सफाई हो चुकी है और 180 मीटर पर सुरंग दूसरी तरफ मुड़ती है इसका अर्थ यह है कि मलबा उसके आगे नहीं होगा.
राज्यसभा में अमित शाह ने क्या कहा
ITBP के 450 जवान, NDRF की 5 टीमें, भारतीय सेना की 8 टीमें, एक नेवी टीम और 5 IAF हेलीकॉप्टर खोज और बचाव अभियान में लगे हुए है.शियर टूटने से भारी तबाही
13 गांवों का संपर्क टूट गया है.दूसरी टनल में 35 लोग फंसे हैं. रविवार की घटना के बाद सभी प्रभावित इलाकों में विद्युत बहाली.24 घंटे चमोली की स्थिति पर नजर है. आर्मी की 8 टीमें रेस्क्यू में शामिल, अतिरिक्त टीमें भेजी जा सकती हैं.
राज्य सरकार ने जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के लिए 4 लाख रुपये की सहायता की घोषणा की है.एक पूल के धुल जाने के कारण, हमने इस क्षेत्र के 13 छोटे गाँवों से कनेक्शन खो दिया है. हम हेलिकॉप्टरों के माध्यम से इन गांवों में नियमित रूप से भोजन और चिकित्सा आपूर्ति भेज रहे हैं.
एनटीपीसी के 12 लोगों को प्रभावित इलाके में एक सुरंग से सुरक्षित निकाला गया है. ऋषि गंगा परियोजनाओं के 15 लोगों को भी सुरक्षित किया गया है. एनटीपीसी की एक अलग परियोजना की सुरंग में, लगभग 25-35 लोग फंस सकते हैं. उन्हें खाली करने के लिए सुरक्षित मिशन चल रहे हैं.