75वीं विश्व स्वास्थ्य सभा के कमेटी बी के चेयरपर्सन के तौर पर भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की नियुक्ति की गई है. एक दिन पहले भारतीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मंडाविया ने जेनेवा में 75वीं विश्व स्वास्थ्य सभा को संबोधित किया था. अपने संबोधन में उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक रिपोर्ट पर निराशा व्यक्त की.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत और अन्य देशों द्वारा व्यक्त की गई चिंता की अनदेखी करते हुए जिस तरह से विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अधिक मृत्यु दर पर रिपोर्ट तैयार और प्रकाशित की गई थी उस पर भारत अपनी निराशा व्यक्त करना चाहता है.
उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण परिषद, एक संवैधानिक निकाय है जिसमें भारत के सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों का प्रतिनिधित्व है. उसने एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया जिसमें मुझे इस संबंध में उनकी सामूहिक निराशा और चिंता व्यक्त करने के लिए कहा गया. वैधानिक संस्था द्वारा प्रकाशित सही आंकड़ों को नहीं लिया गया.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने कोरोना वैक्सीन व इसकी दवाओं के लिए समान पहुंच को बनाने के लिए एक लचीली वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है. यह वैक्सीन, चिकित्सा विज्ञान, सुधारों के लिए डब्लूएचओ की अनुमोदन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है. एक जिम्मेदार सदस्य के तौर पर भारत इन प्रयासों में अहम भूमिका निभाने को तैयार है.
डब्लूएचओ का हालिया दावा है कि भारत में कोरोना वायरस से 1 जनवरी 2020 और 31 दिसंबर 2021 के बीच 47 लाख से अधिक मौतें हुईं. जबकि भारत सरकार का आंकड़ा है कि इस दौरान 5 लाख 20 हजारे के करीब मौतें हुई हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने इस पर कहा था कि भारत पारदर्शी और कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से कोविड के कारण हुईं मौतों को दर्ज करता है और डब्ल्यूएचओ के मृत्यु दर के अनुमान से सहमत नहीं है.