नई दिल्ली| गुरुवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ बोर्ड और प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों से मुखातिब हुए.
कोरोना महामारी के दौर में पारंपरित शिक्षा पद्धति में काफी बदलाव हुए हैं, जिसे देखते हुए शिक्षा मंत्री के संबोधन को काफी अहम माना जा रहा है. हर साल फरवरी और मार्च में बोर्ड परीक्षाओं के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं का दौर भी शुरू हो जाता है. शिक्षा मंत्री छात्रों व अभ्यर्थियों को परीक्षा को लेकर प्रोत्साहित कर रहे हैं.
देश की नई शिक्षा नीति 2020 की सराहना करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी ने भी इसे सराहा है. इससे भारत को शिक्षा के क्षेत्र में एक बार फिर विश्व गुरु बनाने में मदद मिलेगी.
शिक्षा मंत्री से छात्रों ने इस दौश्रान JEE, NEET और CBSE Board Exams 2021 को लेकर सवाल किए और जानना चाहा कि क्या इनकी तारीख आगे बढ़ाई जाएगी या इन्हें स्थगित किया जाएगा.
इस पर शिक्षा मंत्री ने साफ-साफ कुछ न कहते हुए कहा कि छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि है और हालात को देखते हुए फैसला लिया जाएगा. इस बारे में जब भी कोई फैसला लिया जाएगा, छात्रों को जानकारी दी जाएगी.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि NEET 2020 में लगभग 17 लाख छात्रों ने हिस्सा लिया. यह महामारी के दौरान आयोजित सबसे बड़ी परीक्षा रही. JEE मेन और JEE एडवांस्ड परीक्षाओं का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया. छात्रों के लिए इसे हरसंभव सरल बनाने की कोशिश की गई.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सीबीएसई लगातार बोर्ड परीक्षाओं के लिए तैयारी कर रही है. कई चिंताओं को देखते हुए, CBSE ने बोर्ड परीक्षा 2021 के 10वीं और 12वीं के सिलेबस को 30 प्रतिशत तक कम कर दिया है.
उन्होंने कहा कि शिक्षा केा जारी रखने और छात्रों की मदद के लिए कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शुरू किए गए हैं. उन्होंने कोविड महामारी के बीच वर्ष 2020 में हुई 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में सफलता अर्जित करने वाले छात्रों को शुभकामनाएं दीं.
एक छात्र ने जब उनसे यह कहा कि कोरोना महामारी के दौरान स्कूल बंद होने के कारण वे प्रैक्टिल नहीं कर पाए हैं. ऐसे में 2021 की बोर्ड परीक्षाओं में इस पर क्या फैसला होगा? इसके जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रायोगिक परीक्षाओं का आयोजन स्कूल स्तर पर होता है, अगर आगे भी स्कूल बंद रहते हैं तो इस बारे में आगे फैसला लिया जाएगा कि क्या करना है.
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें पढ़ाई पर फोकस करना चाहिए और अधिक से अधिक पठन-पाठन करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि जब आप रीड करेंगे तभी देश को लीड करेंगे. यानी शिक्षा से ही देश को नेतृत्व करने की क्षमता विकसित की जा सकती है.
शिक्षा मंत्री ने छात्रों से कहा कि उनकी सुरक्षा और शिक्षा दोनों सरकार की प्राथमिकता है. कोरोना महामारी के दौर में भी ऑनलाइन शिक्षा जारी रहने के लिए शुभकामनाएं देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि 17 राज्यों ने स्कूल खोले हैं. हालांकि स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति अब भी कम है.
उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही पहले जैसी स्थिति बहाल होगी और छात्र पहले की तरह स्कूल जा सकेंगे. उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में अब तक की उपलब्धि की सराहना की.