सीएम रावत ने उत्तराखण्ड के उत्पादों के लिए एक अम्ब्रेला ब्रांड बनाए जाने के निर्देश दिए हैं. सभी ग्रोथ सेंटर, बिक्री और मुनाफे का लक्ष्य निर्धारित कर काम करें.
जिलाधिकारी ग्रोथ सेंटरों में स्वयं जाकर वहां आने वाली समस्याओं का निस्तारण करें. इनके उत्पादों की ऑनलाईन मार्केटिंग की व्यवस्था की जाए. स्थानीय बाजारों पर भी फोकस किया जाए. सीएम सचिवालय में ग्रोथ सेंटरों की समीक्षा कर रहे थे.
थानो व कोटाबाग के एलईडी ग्रोथ सेंटरों को क्वालिटी डिजायनर उपलब्ध कराए जाएं. हरिद्वार का प्रसाद निर्माण से जुड़ा सेंटर आगामी कुम्भ को देखते हुए अपनी तैयारियां करे. सभी ग्रोथ सेंटरों से जुड़े लोगों के स्किल डेवलपमेंट की भी व्यवस्था की जाए.
सीएम ने कहा कि ग्रोथ सेंटरों के उत्पादों की सीजनल ही नहीं बल्कि नियमित बिक्री सुनिश्चित की जाए. आसपास के कुछ ग्रोथ सेंटरों को मिलाकर एक पिकअप वाहन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा सकती है. इससे यातायात लागत कम होगी.
सीएम ने कहा कि ग्रोथ सेंटरों से जुड़े लोगों विशेषतौर पर महिलाओं के आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है. इस आत्मविश्वास को और बढ़ाना है. जिलाधिकारी ग्रोथ सेंटरों में खुद जाकर वहां आने वाली समस्याओं का निस्तारण करें. ग्रोथ सेंटर आत्मनिर्भर भारत और वोकल फोर लोकल का अच्छा उदाहरण हैं.
सीएम ने कहा कि उत्तराखण्ड के उत्पादों के लिए एक अम्ब्रेला ब्रांड बनाया जाए. इसके अंतर्गत अन्य ब्रांड भी चलते रहेंगे. इसके लिए दक्ष विशेषज्ञों की सहायता ली जाए.
इसके लिए उत्तराखण्ड के उत्पादों की विशेषता, सम्भावित मार्केट आदि का पूरा अध्ययन किया जाए. ब्रांड का नाम इस प्रकार हो जिसमें उत्तराखण्ड की फीलिंग आए. उद्योग विभाग इसे क्रियान्वित करेगा.
सीएम ने वीडियो कान्फ्रेंसिग के माध्यम से विभिन्न ग्रोथ सेंटरों के संचालक स्वयं सहायता समूहों से बात की और उनसे फीडबैक लिया.
बताया गया कि ग्रोथ सेंटर प्रारम्भ होने से उनसे जुड़े ग्रामीणों और महिलाओं की आय में बढ़ोतरी हुई है. धीरे-धीरे उत्पादों को बाजार भी मिलता जा रहा है.
स्थानीय लोग ग्रोथ सेंटरों से जुड़ने के लिए आगे आ रहे हैं. लोहाघाट के स्वयं सहायता समूह द्वारा बताया गया कि मशीनें मिलने के बाद लोहे की कढ़ाई के निर्माण में काफी वृद्धि हुई है.
इससे उनकी आय भी बढ़ी है. चमोली के उर्गम के स्वयं सहायता समूह ने बताया कि बदरी गाय के दूध व घी की अच्छी कीमत मिल रही है.
दर्जनों ग्रोथ सेंटरों से जुड़े लोगों ने सीएम को ग्रोथ सेंटर योजना के लिए आभार व्यक्त करते हुए ग्रोथ सेंटरों की कार्यविधि की जानकारी दी.
अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने बताया कि अभी तक कुल 104 ग्रोथ सेंटर स्वीकृत किए गए हैं. इनमें से 72 क्रियाशील हो चुके हैं. अन्य भी जल्द ही शुरू हो जाएंगे. इन ग्रोथ सेंटरों से लगभग 30 हजार लोग लाभान्वित हो रहे हैं.
स्वीकृत किए गए ग्रोथ सेंटरों में एग्री बिजनेस आधारित 38, बेकरी आधारित 04, डेयरी व दुग्ध उत्पाद आधारित 05, मत्स्य 11, आर्गेनिक ऊन 10, प्रसाद 05, मसाला 04, फल प्रसंस्करण 05, शहद व मौन पालन 04, एलईडी 02, शिल्प आधारित 05, आईटी 02, पर्यटन 02, हथकरघा व क्विल्ट आधारित 02, पशुआहार 01 और एरोमा आधारित 04 ग्रोथ सेंटर हैं.
बताया गया कि सितम्बर 2020 तक क्रियाशील ग्रोथ सेंटरों की कुल बिक्री धनराशि 6 करोड़ 09 लाख रूपए रही जबकि लाभ की राशि 60 लाख रूपए से अधिक रही.
ग्रोथ सेंटरों के टर्नओवर और मुनाफे में लगातार वृद्धि हो रही है. ग्रोथ सेंटरों की ऑनलाईन मार्केटिंग के लिए वेबसाईट बनाई जा रही है. इनका थर्ड पार्टी मूल्यांकन भी कराया जाएगा.