देहरादून| देश भर की तरह उत्तराखंड में कोरोना काल में बेरोज़गारी बढ़ी है. उत्तराखंड की सबसे बड़ी समस्या युवाओं का पलायन है और इसकी सबसे बड़ी वजह रोज़गार है.
विभिन्न सरकारी विभागों में हज़ारों पद खाली पड़े हैं और इन विभागों ने इन्हें भरने के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से मांग भी की है लेकिन आयोग के पास करीब 7000 पदों के ऐसे अधियाचन फ़ाइलों में बंद हैं. यह खुलासा एक आरटीआई से हुआ है.
रामेश्वर कंडवाल नाम के आरटीआई एक्टिविस्ट ने उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग में आरटीआई लगाई थी. जवाब में उन्हें बताया गया कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पास करीब 7 हज़ार भर्ती के अधियाचन पड़े हैं.
करीब-करीब हर विभाग में भर्ती के लिए अधियाचन पहुंचे हैं जिसमें एल टी के लगभग 1500 पदों के साथ ही ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के 225 और 380 पद खाली हैं.
इसी तरह पटवारी के 450 पद खाली पड़े हैं. 10वीं, 12वीं और स्नातक के हज़ारों पद खाली हैं लेकिन इनमें भर्ती करवाना तो दूर की बात है आयोग ने इन पदों के लिए विज्ञापन भी नहीं जारी किए.
इसकी वजह से बेरोज़गारों युवाओं में मायूसी घर करती जा रही है क्योंकि कई ऐसे युवा हैं जिनकी सरकारी नौकरी की उम्र गुज़रती जा रही है.
आरटीआई एक्टिविस्ट रामेश्वर कंडवाल का कहना है कि यब बड़े ताज्जुब की बात है कि राज्य में विभिन्न विभागों में करीब 7000 पद खाली हैं लेकिन उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग है कि इन्हें भरने के लिए काम करने को तैयार ही नहीं है.
वह पूछते हैं कि उन युवाओं का क्या होगा जो इन भर्तियों के लिए लंबे समय से तैयारी कर रहे थे और अब सरकारी नौकरी की उम्र ही पार कर चुके हैं.
इस मामले में आयोग के सचिव संतोष बडोनी यह स्वीकार करते हैं कि न्हें कई विभागों से अधियाचन मिल गए थे लेकिन कई वजहों से इन पर भर्तियां नहीं हो सकीं.
समय बीतने पर कुछ विभागों की नियमावली भी बदल गई जिसके कारण भी कुछ दिक्कतें आई हैं. बडोनी कहते हैं कि अब जल्द ही इन भर्तियों के लिए भी विज्ञापन जारी किए जाएंगे.
साभार न्यूज़ 18