उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों की घोषणा करने के मामले में बाज़ी मारते हुए आंचलिक राजनीतिक पार्टी उत्तराखंड क्रांति दल ने 16 सीटों पर टिकट पाने वालों के नामों का खुलासा कर दिया.
यूकेडी ने इस लिस्ट में दो महिला प्रत्याशियों को जगह दी है और पार्टी का दावा है कि वह पूरी मज़बूती के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है.
एक तरफ, जहां कांग्रेस में प्रत्याशियों के चयन के लिए स्क्रीनिंग की प्रक्रिया हो चुकी है और भाजपा में फ़िलहाल चयन को लेकर प्रक्रिया जारी है, वहीं यूकेडी ने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट ही जारी नहीं की, बल्कि राज्य के चुनावी माहौल को रफ्तार देते हुए अपना घोषणा पत्र भी जारी कर दिया है.
चुनावी घोषणा पत्र में यूकेडी ने बेरोज़गारी के साथ पलायन, भू कानून जैसे मुद्दों को उठाया है. पार्टी का दावा है कि जल्द प्रत्याशियों की दूसरी सूची भी जारी होगी और यूकेडी राज्य की सभी 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने कहा कि 21 साल राज्य गठन को हो चुके हैं, लेकिन कांग्रेस और भाजपा ने राज्य आंदोलन की भावनाओं के उलट काम किए हैं.
नतीजा यह है कि प्रदेश में पलायन, स्थायी राजधानी और भू कानून जैसे मुद्दे अब परिवर्तन की ओर इशारा कर रहे हैं. देखिए कि पहली लिस्ट में किस किसको पार्टी ने टिकट दिया है.
ये हैं पहली लिस्ट के 16 प्रत्याशी
द्वारहाट विधानसभा से पुष्पेश त्रिपाठी
देवप्रयाग विधानसभा से दिवाकर भट्ट
श्रीनगर विधानसभा से मोहन काला
धनोल्टी विधानसभा से उषा पवार
लैंसडाउन विधानसभा से एपी जुयाल
अल्मोड़ा विधानसभा से भानु प्रकाश जोशी
काशीपुर विधानसभा से मनोज डोबरिया
यमकेश्वर विधानसभा से शांति प्रसाद भट्ट
केदारनाथ विधानसभा से गजपाल सिंह रावत
रायपुर विधानसभा से अनिल डोभाल
ऋषिकेश विधानसभा से मोहन सिंह असवाल
देहरादून कैंट विधानसभा से अनिरुद्ध काला
चौबट्टाखाल विधानसभा से वीरेंद्र सिंह रावत
टिहरी विधानसभा से उर्मिला
किच्छा विधानसभा से जीवन सिंह नेगी
डोईवाला विधानसभा से शिव प्रसाद सेमवाल
यूकेडी प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद खुशी जाहिर करते हुए द्वारहाट से पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी का कहना है कि यूकेडी राज्य में एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसके एजेंडा में जनता के मुद्दे सबसे अधिक हैं. यूकेडी राज्य आंदोलनकारियों की भावनाओं के मुताबिक ही चुनावी मुद्दों को लेकर पार्टी जनता के बीच जाएगी. ‘जनता आज बदलाव चाहती है और यूकेडी बेहतर विकल्प देने की तैयारी के साथ मैदान में उतरी है.’