लंदन|……. भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी को एक और झटके का सामना करना पड़ा क्योंकि ब्रिटिश अदालत ने नीरव के खिलाफ सबूत स्वीकार कर भारतीय पक्ष में फैसला दिया है. इसके साथ ही नीरव के भारत प्रत्यर्पण की संभावनाएं बढ़ गई हैं.
जिला न्यायाधीश सैमुअल गूजी ने यहां वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पेश कुछ गवाहों के बयानों की स्वीकार्यता के खिलाफ और पक्ष में दलीलें सुनीं.
इसके बाद न्यायाधीश ने कहा कि वह अपने आपको किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले में ब्रिटिश अदालतों के फैसलों से ‘बंधा हुआ’’ मानते हैं।
मामले की अगली सुनवाई अगले साल सात और आठ जनवरी को दो दिनों तक होगी. उस समय मामले में अंतिम दलीलें सुनी जाएंगी. उसके कुछ हफ्ते बाद मामले में फैसला सुनाया जाएगा.
गौरतलब है कि नीरव मोदी भारत में पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ करीब दो अरब डॉलर के घोटाला मामले में वांछित हैं.
नीरव मोदी (49) दक्षिण-पश्चिम लंदन के वैंड्सवर्थ जेल से वीडियो लिंक के माध्यम से कार्यवाही में शामिल हुए. उन्होंने जेल प्रशासन द्वारा मुहैया कराए गए कपड़े पहन रखे थे और उनकी दाढ़ी बढ़ी हुई थी.
भारतीय अधिकारियों की ओर से बहस करते हुए क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने जोर दिया कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 161 के तहत गवाहों के बयान सहित अन्य साक्ष्य ब्रिटिश अदालत के लिए आवश्यक सीमा को पूरा करते हैं.