विश्वविद्यालय अनुदान आयोग( यूजीसी) ने पीएचडी दाखिले के लिए नए मानदंड तय किए हैं। यूजीसी के नए नियमों के मुताबिक पीएचडी में दाखिले के लिए नेट परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया गया है।
आयोग ने बताया कि यूनिवर्सिटी के पीएचडी कोर्सेस में एडमिशन के लिए अभ्यर्थियों को अब नेट एग्जाम क्वालीफाई करना जरूरी होगा. वहीं इन कॉलेजों से यूजी और पीजी कोर्सेस में एडमिशन के लिए सीईटी (कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) लिया जाएगा.
यूजीसी के नए नियम शैक्षणिक सत्र 2022-23 से लागू किए जाएंगे. वहीं सीईटी एग्जाम एनटीए द्वारा 13 भारतीय भाषाओं में आयोजित होने हैं. सीईटी एग्जाम इसी साल से शुरू होने थे, लेकिन कोरोना के चलते ये शुरू नहीं हो सके. अगले साल से सीईटी एग्जाम होना है, देश के प्राइवेट और डीम्ड यूनिवर्सिटीज़ को भी यूजीसी ने एडमिशन के लिए सीईटी स्कोर को आधार मानने की सलाह दी.
यूजीसी द्वारा सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपतियों को लेटर लिख कर कहा गया, “सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज़ को शैक्षणिक सत्र 2022-2023 से कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के लिए उचित उपाय करने की सलाह दी जाती है.
परीक्षाएं कम से कम 13 भाषाओं में आयोजित होंगी. कॉमन एंट्रेंस टेस्ट को इच्छुक राज्य/ प्राइवेट यूनिवर्सिटीज़/ डीम्ड यूनिवर्सिटीज द्वारा भी अपनाया जा सकता है.” परिवर्तन नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP), के तहत प्रस्तावित किए गए हैं.”
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी द्वारा देश की सभी यूनिवर्सिटीज़ के लिए एक समान प्रस्ताव रखा गया है, ताकि बोर्ड एग्जाम पर डिपेंडेंसी कम हो सके. सीईटी के माध्यम से सभी स्टूडेंट्स को एक समान प्लेटफॉर्म मिलेगा, जिसे शैक्षणिक सत्र 2022-23 से लागू होने की उम्मीद है.