राष्ट्रपतियों का राष्ट्र संबोधन: रामनाथ कोविंद के जश्न-ए-आजादी का संदेश तो अशरफ गनी का लुट गया देश

दो राष्ट्रपतियों ने शनिवार देश को संबोधित किया. एक की बातों में निराशा थी, जैसे सब कुछ लुट चुका हो. वहीं दूसरे महामहिम के संबोधन में राष्ट्र निर्माण, स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं और आशा के भाव थे. आइए बताते हैं यह दोनों किस देश के प्रेसिडेंट हैं.

यह हैं भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और अफगानिस्तान के अशरफ गनी. बात शुरू करेंगे पहले अशरफ गनी से. पिछले दो दशक से अफगानिस्तान में विकास कार्य में तेजी आई.

अफगानिस्तान में भारत सरकार का भी कई ‘प्रोजेक्ट’ पर काम चल रहा है. लेकिन इसी साल 20 जनवरी को राष्ट्रपति जो बाइडेन के अमेरिका की कमान संभालते ही अफगानिस्तान के ‘बुरे दिन’ शुरू हो गए थे

बराक ओबामा उसके बाद डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल में अमेरिकी फौज ने अफगानिस्तान के लड़ाकों (तालिबानों) पर बहुत हद तक नियंत्रण कर रखा था.

लेकिन बाइडेन ने धीरे-धीरे अफगानिस्तान से अपने अमेरिकी सैनिकों को देश बुलाना शुरू कर दिया.

पिछले महीने अमेरिकी सैनिकों की वापसी हो गई. उसके बाद तालिबान अपने खतरनाक रूप में लौट आए.

करीब 20 साल बाद एक बार फिर शांत हुए इस मुल्क में गोलियों की गड़गड़ाहट और लांचर के विस्फोट सुनाई देने लगा। इन लड़ाकों का अफगानिस्तान की सड़कों पर खुलेआम ‘कत्लेआम’ जारी है.

तालिबानों के बढ़ते प्रभाव को लेकर अफगानिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में है. अभी तक तालिबानों ने करीब 19 शहरों में कब्जा कर लिया है.

कंधार भी उनके पूरी तरह नियंत्रण में आ गया है. अब यह विद्रोही राजधानी काबुल की ओर तेजी के साथ बढ़ रहे हैं. इनका फासला राजधानी काबुल से चंद किलोमीटर दूर रह गया है.

‘तालिबान को लेकर दबाव में आए राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश की जनता को संबोधित किया। इस दौरान वे बहुत ही ‘हताश’ नजर आए. राष्ट्रपति गनी ने संबोधित करते हुए कहा कि हम अस्थिरता रोकेंगे.

अफगानी लोगों को अपने संबोधन में राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि वह स्थिति पर स्थानीय नेता और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के साथ परामर्श कर रहे हैं.

‘गनी ने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपके राष्ट्रपति के रूप में मेरा ध्यान लोगों की अस्थिरता, हिंसा और विस्थापन को रोकने पर है, मैं अफगानों पर युद्ध थोपने नहीं दूंगा.

न ही 20 वर्षों के लाभ को हानि में बदलकर कत्लेआम और सार्वजनिक संपत्ति का विनाश होने दूंगा’.

बता दें कि तालिबान अब यहां से काबुल सिर्फ 15 किलोमीटर दूर है। फिलहाल अफगान सरकार के नियंत्रण में कुछ शहर बचे हुए हैं.

दूसरी ओर देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस से पहले शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश को संबोधित किया. सबसे पहले उन्होंने देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों को स्वाधीनता दिवस की शुभकामनाएं दीं.

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि यह दिन हम सभी के लिए बहुत हर्ष और उल्लास का दिन है. इस साल के स्वाधीनता दिवस का खास महत्व है, क्योंकि इसी साल से हम सब अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आजादी का ‘अमृत महोत्सव’ मना रहे हैं.

कई पीढ़ियों के ज्ञात और अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष से हमारी आजादी का सपना साकार हुआ था। उन सभी ने त्याग और बलिदान के अनूठे उदाहरण पेश किए. मैं उन सभी अमर सेनानियों की पावन स्मृति को नमन करता हूं.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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