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रूस ने भारत को कोविड के बढ़ते मामलों के बीच भेजी मदद, दवाइयों समेत 2 विमान पहुंचे दिल्ली

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भारत में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच रूस से मेडिकल जरूरतों की पहली खेप गुरुवार को भारत पहुंच गई है. रूस ने भारत को भेजी पहली खेप में 20 ऑक्सीजन कंसंटेटर, 75 वेंटिलेटर, 150 बेडसाइड मॉनिटर और दवाइयां शामिल है.

रूस से दो उड़ाने यह सारी मदद लेकर तड़के सुबह दिल्ली पहुंची. इस संबंध में सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स (CBIC) ने कहा कि एयर कार्गो और दिल्ली कस्टम्स दोनों विमानों में आई वस्तुओं का तेजी से क्लियरेंस कर रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को समीक्षा बैठक में राजस्व विभाग को ऐसे उपकरणों की निर्बाध और तेज निकासी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था. इसके बाद राजस्व विभाग ने सीमा शुल्क निकासी से संबंधित मुद्दों के लिए सीमा शुल्क संयुक्त सचिव गौरव मसलदन को नोडल अधिकारी नामित किया है.

गौरतलब है कि अमेरिका, रूस, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड, बेल्जियम, रोमानिया, लक्समबर्ग, सिंगापुर, पुर्तगाल, स्वीडन, न्यूजीलैंड, कुवैत और मॉरीशस सहित कई प्रमुख देशों ने भारत को महामारी से लड़ने में मदद करने के लिए मेडिकल सहायता की घोषणा की है.

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की और कोविड-19 से उत्पन्न स्थितियों पर चर्चा की. मोदी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा, ‘मेरे मित्र राष्ट्रपति पुतिन से आज मेरी अच्छी बातचीत हुई. हमने कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की और इसके खिलाफ लड़ाई में रूस की ओर से दी जा रही मदद और सहयोग के लिए मैंने राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद किया.’ बता दें भारत में तेजी से बढ़ते कोविड-19 संक्रमण की तेज गति के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी विश्व के कई नेताओं से लगातार फोन पर चर्चा कर रहे हैं. पिछले दिनों उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी बात की थी.

बता दें सिंगापुर ने मंगलवार को भारत को 256 ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति की. नॉर्वे सरकार ने भारत में कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की मेडिकल सेवा के लिए 24 लाख अमेरिकी डॉलर के योगदान का ऐलान किया.

स्विटज़रलैंड ने बुधवार को कहा कि वह कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न “चुनौतीपूर्ण समय” से निपटने में मदद करने के लिए भारत को ऑक्सीजन कंसंटेटर, वेंटिलेटर और अन्य चिकित्सा उपकरण भेज रहा है. इसके अलावा कई अन्य देशों ने भी वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंसंटेटर और अन्य सामान भेजने की घोषणा की है.

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