अफगानिस्तान में तालिबान का राज कायम हुए एक महीने से ज्यादा का समय हो गया है, और पूरी दुनिया तालिबान की सरकार को मान्यता देने में दुनिया भले ही अभी ऊहापोह की स्थिति में हो लेकिन अमेरिकी माइक्रोब्लागिंग एवं सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म ट्विटर ने अपनी तरफ से कदम उठाया है.
ट्विटर ने अफगान सरकार के मंत्रालयों को दिया गया अपना ब्लू टिक हटा लिया है. ट्विटर के ब्लू टिक का मतलब अकाउंट के सही एवं प्रमाणित होने से होता है. पाझवोक अफगान न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक अफगान सरकार के जिन मंत्रालयों एवं प्रतिष्ठानों से ब्लू टिक हटाए गए हैं उनमें विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, आंतरिक मंत्रालय, राष्ट्रपति भवन और राष्ट्रीय खरीद प्राधिकरण शामिल हैं.
इस देश से अमेरिका और विदेशी बलों की 30 अगस्त को पूर्ण रूप से वापसी हो गई. तालिबान ने 15 अगस्त को राजधानी काबुल पर अपना कब्जा कर लिया. तालिबान ने अपनी एक कार्यवाहक सरकार का गठन किया है. इस सरकार को मान्यता दिलाने में पाकिस्तान काफी सक्रिय है.
अफगानिस्तान में तालिबान का राज कायम हो जाने के बाद यह देश मानवीय एवं आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. यहां दवाओं, खाने-पीने की चीजों सहित जरूरी सुविधाओं की भारी कमी हो गई है. बैंकों में पैसे नहीं हैं. एटीएम खाली हैं.
लोग जरूरत की चीजें खरीदने के लिए अपने घर के सामान बेच रहे हैं. जानकारों का मानना है कि घरेलू स्थितियों में यदि जल्द सुधार नहीं हुआ तो लोग गृह युद्ध के रास्ते पर आगे बढ़ सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक घनी सरकार के जाने के बाद राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से कोई ट्वीट नहीं किया गया है.
अफगान सरकार के कई मंत्रालयों के अकाउंट से ब्लू टिक हट गया है लेकिन पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी, हामिद करजई, अब्दुल्ला अब्दुल्ला के ट्विटर अकाउंट पर ब्लू टिक अभी भी है. पूर्व राष्ट्रपति अमरूल्लाह सालेह के अकाउंट से भी ब्लू टिक हट गया है जबकि दूसरे उप राष्ट्रपति सरवार दानिश के अकाउंट पर यह टिक मौजूद है.
पाकिस्तान चाहता है कि दुनिया के देश तालिबान सरकार को मान्यता दें एवं उसे आर्थिक मदद उपलब्ध कराएं. हालांकि, दुनिया के देश तालिबान को मान्यता देने के बारे में जल्दबाजी नहीं दिखाना चाहते.