सरकार के सख्त तेवर के बाद ट्विटर के सुर और तेवर नरम पड़े गए हैं. माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने सरकार की तरफ से सौंपी गई सूची के 97% अकाउंट्स को बंद कर दिया है. बता दें कि सरकार ने 1435 हैंडलों को बंद करने के लिए एक सूची सौंपी थी.
सरकार का कहना है कि ये अकाउंट्स किसान आंदोलन से जुड़ी ‘भ्रामक एवं भड़काऊ सामग्री प्रकाशित कर रहे हैं.’ सरकार के इस आदेश के बाद ट्विटर ने 500 से ज्यादा अकाउंट्स को बंद कर दिया था लेकिन उसकी इस कार्रवाई पर सरकार ने नाखुशी जताई.
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को संसद में कहा कि भारत में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों का दोहरा मानदंड नहीं चलेगा. चाहे वह ट्विटर, फेसबुक, लिंकडिन अथवा कोई भी हो, कानून का उल्लंघन होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई होनी तय है. कानून मंत्री ने लोकसभा में कहा, ‘वह सोशल मीडिया का सम्मान करते हैं. सोशल मीडिया ने आम आदमी को ताकत दी है और इसने डिजिटल इंडिया मुहिम को बढ़ाने में योगदान दिया है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘ट्विटर आलोचना कर सकता है क्योंकि यह अधिकार हमारे संविधान में है. लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों चाहे वह ट्विटर हो, फेसबुक हो या लिंकडिन या वाट्सएप, इन प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल यदि फेक न्यूज, हिंसा एवं वैमनस्यता फैलाने के लिए हुआ तो कार्रवाई होगी. भारत में देश के संविधान के मुताबिक सभी को काम करना होगा.’
सरकार का कहना है कि किसान आंदोलन से जुड़े ट्विटर हैंडल पाकिस्तान एवं खालिस्तान समर्थक हैं. इसे देखते हुए सरकार ने 1435 हैंडलों पर पाबंदी लगाने के लिए ट्विटर को निर्देश दिया था. सूत्रों का कहना है कि ट्विटर ने 1398 हैंडलों को बंद कर दिया है.
बुधवार को सूचना प्रद्यौगिकी सचिव अजय प्रकाश साहीन की ट्विटर के टॉप अधिकारियों मोनिक मेके एवं जिम बेकर के साथ एक अहम बैठक हुई जिसमें इन हैंडलों पर रोक लगाने पर सहमति बनी.