लखनऊ| यूपी के हाथरस जिले में स्थित चंदपा थाना क्षेत्र के बुलगढ़ी गांव में 19 वर्षीय कथित गैंगरेप पीड़िता की मौत के मामले में रविवार को जांच एजेंसियों ने बड़ा खुलासा किया है.
यूपी की योगी सरकार को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया के ज़रिए साजिश रची गई. देश से बाहर से हुई फंडिंग के ज़रिए मामले में झूठे, नफरत फैलाने वाले ट्वीट देश से बाहर से कराए गए. ये ट्वीट्स ज़्यादातर पाकिस्तान और मिडिल ईस्ट से किए गए.
खुलासे में ये भी बात सामने आई है कि इन्हीं देशों के ट्विटर एकाउंट्स के ज़रिए झूठ को बढ़ाया गया. बताया जा रहा है कि इसके पीछे समुदाय विशेष के लोगों ने नफरत फैलाने वाले ट्वीट किए. इसके लिए पेड अभियान चलाया गया.
हाथरस के चंदपा थाने में गंभीर धाराओं में केस दर्ज होने के बाद इन ट्विटर अकाउंट को बंद कर दिया गया. किए गए ट्वीट भी आनन-फानन में डिलीट कर दिए गए.
वहीं दूसरी ओर मामले में पीएफआई लिंक को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की लखनऊ यूनिट मथुरा जेल में बन्द पीएफआई के सदस्यों से पूछताछ करने वाली है. हाल में हाथरस केस में इन सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
इस्लामिक देशों से फंडिंग!
जांच एजेंसियों के मुताबिक, वेबसाइट के जरिए विरोध प्रदर्शन की जानकारी दी जा रही थी. इतना ही नहीं इस वेबसाइट के तार एमनेस्टी इंटरनेशनल से जुड़े होने के भी संकेत मिले हैं. इस्लामिक देशों से फंडिंग की भी जानकारी सुरक्षा एजेंसियों को मिली है.
वेबसाइट में फर्ज़ी आईडी से सैकड़ों लोगों को जोड़ा गया और मदद के बहाने फंडिंग भी जुटाई गई. इतना ही नहीं कुछ नामचीन लोगों के सोशल मीडिया एकाउंट का भी इस्तेमाल किया गया.
वेबसाइट बनाने में पीएफआई और एसडीपीआई की भूमिका भी सामने आ रही है.
साभार-न्यूज़ 18